पंजाब-हरियाणा के बीच शुरू हो सकती है आवाजाही, प्रतिबंध हटाने पर विचार

नीलांबरी जगदाले ने बताया कि इंटर स्टेट परिवहन शुरू करने के लिए भी दूसरे राज्यों के नोडल अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. उत्तराखंड के नोडल अधिकारी से बातचीत होने के बाद 4500 मजदूरों को वापस भेजा गया है. हिमाचल प्रदेश के नोडल अधिकारी से भी बातचीत के आधार पर 7000 लोगों को वापस भेजा जा चुका है.

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चंडीगढ़ की एसएसपी नीलांबरी जगदाले से 'आजतक' की खास बातचीत चंडीगढ़ की एसएसपी नीलांबरी जगदाले से 'आजतक' की खास बातचीत

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 20 मई 2020,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

  • अब तक 36000 प्रवासी मजदूरों को भेजा गया उनके घर
  • 6500 मजदूर अभी भी चंडीगढ़ में फंसे हैं, भेजने की तैयारी
  • शुक्रवार से भेजने के लिए दोबारा शुरू होंगी रेलगाड़ियां

पंजाब और हरियाणा की राजधानी और केंद्र शाषित प्रदेश चंडीगढ़ में अभी भी 6500 मजदूर फंसे हैं, जो अपने घर वापस जाना चाहते हैं. ये लोग ट्रेन और बस के लिए ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पाए थे. चंडीगढ़ की एसएसपी नीलांबरी जगदाले ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि बाकी बचे मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है. उनके लिए शुक्रवार को फिर से विशेष ट्रेन सेवा शुरू की जा रही है.

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नीलांबरी जगदाले ने बताया कि मजदूरों को ट्रेन और बसों से वापस उनके गांव भेजा जा रहा है. अभी तक ट्रेन से 22000 से ज्यादा प्रवासियों को उनके राज्य में भी भेजा जा चुका है, जबकि 14000 लोग बसों से अपने राज्यों में लौट चुके हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं.

उन्होंने बताया, "मजदूरों को सूचित करने के लिए लगातार अनाउंसमेंट की जा रही है. सेक्टर 43 और जहां भी मजदूरों की कॉलोनी या मोहल्ला है, वहां पर भी लाउडस्पीकर के जरिए उनको सूचित किया जा रहा है. मजदूरों के प्रतिनिधियों के जरिए भी सूचनाएं दी जा रही हैं. मजदूरों को वापस भेजने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से बाकायदा एक नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है."

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जगदाले ने कहा कि मजदूरों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था की गई है. जिन लोगों का पंजीकरण हो गया था उनको वापस अपने राज्य में भेजा जा चुका है और शुक्रवार से फिर रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं. प्रतिदिन 30 मई तक एक रेलगाड़ी चलाई जाएंगी. इसके अलावा 6500 लोग ऐसे थे जो ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पाए थे, उनको भी भेजने की व्यवस्था की जा रही है. हमें इन लोगों का उनके मोहल्ले में जाकर सर्वे करवाया और उनकी जानकारी लेकर उनको वापस भेजने की तैयारी की जा रही है.

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दूसरे राज्यों से बातचीत जारी

नीलांबरी जगदाले ने बताया कि इंटर स्टेट परिवहन शुरू करने के लिए भी दूसरे राज्यों के नोडल अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. उत्तराखंड के नोडल अधिकारी से बातचीत होने के बाद 4500 मजदूरों को वापस भेजा गया है. हिमाचल प्रदेश के नोडल अधिकारी से भी बातचीत के आधार पर 7000 लोगों को वापस भेजा जा चुका है. 550 लोग मणिपुर के थे इनको भी नोडल अधिकारी के माध्यम से भेजा जा चुका है. लगभग 175 छात्र-छात्राएं लद्दाख से ताल्लुक रखते थे जिनको भी वापस भेजा जा चुका है. करीब 700 लोग जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से ताल्लुक रखते थे, उनको भेजने की व्यवस्था भी कर दी गई है.

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उन्होंने बताया कि जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और चंडीगढ़ वापस आना चाहते हैं, उसके लिए भी संबंधित राज्य के नोडल अधिकारी से बातचीत की गई है. जल्द ही इंटर स्टेट मूवमेंट भी शुरू कर दी जाएगी. इस पर फैसला अगले एक-दो दिन में ले लिया जाएगा. जैसे ही अंतर राज्य परिवहन शुरू होता है, ये लोग भी अपने घर वापस लौट सकेंगे. अब तक 1100 के करीब लोग मूवमेंट पास लेकर चंडीगढ़ आए हैं, उनको 14 दिनों के लिए क्वारनटीन किया गया है.

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31 मई तक जारी रहेगा रात का कर्फ्यू

नीलांबरी जगदाले ने कहा कि प्रशासन ने सुबह 7:00 बजे से शाम के 7:00 बजे के बीच कर्फ्यू हटा लिया है. शाम के 7:00 से सुबह के 7:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है. सुबह 7:00 से शाम के 7:00 बजे तक छूट दे दी गई है. इस दौरान सभी तरह की दुकानें खोलने की इजाजत है लेकिन रेस्टोरेंट से सिर्फ होम डिलीवरी की ही सुविधा उपलब्ध है.

जगदाले ने कहा, "जो बाजार तंग जगहों पर बने हैं, वहां पर ऑड-इवन के तरीके से दुकानें खोलने की इजाजत दी गई है. यात्री बसों की आवाजाही पर भी पाबंदी है. सरकारी बसों में यात्रा करने की क्षमता कम कर दी गई है. कल-परसों से पंजाब और हरियाणा से इंटरस्टेट मूवमेंट शुरू कर दी जाएगी, लेकिन तब तक मूवमेंट पास या फिर अपना परिचय पत्र दिखाकर केवल जरूरी काम के लिए आना जाना हो सकता है. अभी फ्री मूवमेंट के लिए वक्त लगेगा."

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