महान एथलीट मिल्खा सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. वही मिल्खा सिंह, जिन्हें फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाना जाता था. देश को रेस में कई पदक दिलाने वाले मिल्खा जिंदगी की रेस में हार गए. 91 साल के मिल्खा सिंह ने कोरोना संक्रमण को मात दे दी थी लेकिन उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. उनको उपचार के लिए चंडीगगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
मिल्खा सिंह से पहले इसी हफ्ते उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का भी निधन हो गया था. निर्मल मिल्खा का कोरोना के कारण 85 साल की उम्र में 13 जून को निधन हो गया था. निर्मल मिल्खा के निधन के समय मिल्खा सिंह अस्पताल में भर्ती होने की वजह से अंत्येष्टि में भी शामिल नहीं हो सके थे. मिल्खा सिंह पत्नी को अंतिम विदाई भी नहीं दे सके थे.
जब निर्मल मिल्खा का निधन हुआ था तब मिल्खा सिंह आईसीयू में भर्ती थे. निर्मल मिल्खा भारतीय वॉलीबॉल टीम की कप्तान भी रहीं. वो कई मौकों पर पंजाब की वॉलीबॉल टीम की कप्तान भी रही थीं. पाकिस्तान के शेखपुरा में 8 अक्टूबर 1938 को जन्मीं निर्मल मिल्खा साल 1955 में श्रीलंका दौरे पर गई भारतीय टीम में शामिल थीं.
इसी दौरे पर निर्मल मिल्खा की मुलाकात मिल्खा सिंह से हुई थी और दोनों ने साल 1962 में शादी कर लिया था. निर्मल मिल्खा पंजाब सरकार में भी खेल निदेशक महिला के पद तैनात रही थीं. निर्मल मिल्खा के निधन के बाद महान धावक मिल्खा सिंह ने भी हफ्तेभर के भीतर इस दुनिया को अलविदा कह दिया. दोनों की दो संतान है. बेटे जीव मिल्खा सिंह भी खेल से जुड़े हैं तो वहीं बेटी मोना मिल्खा सिंह अमेरिका में डॉक्टर हैं.
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