केजरीवाल के उपवास को CM अमरिंदर ने बताया नाटक, बोले- वो किसानों के हमदर्द नहीं

कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल ने बार-बार यह साबित किया है कि वो किसानों के हमदर्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे थे, तब 23 नवंबर को केजरीवाल सरकार बेशर्मी से इन काले कानूनों को अधिसूचित कर रही थी.

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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटोः पीटीआई) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटोः पीटीआई)

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 14 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:39 AM IST
  • पंजाब के सीएम ने केजरीवाल पर बोला हमला
  • 'केजरीवाल ने साबित किया वो किसानों के हमदर्द नहीं'
  • 'किसानों की मदद के बजाय राजनीति में व्यस्त हैं'

कृषि से संबंधित कानूनों के विरोध में अन्नदाता किसान सड़कों पर हैं. सियासत भी सरगर्म है. दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 14 दिसंबर को भूख हड़ताल का ऐलान किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के समर्थन में एक दिन के उपवास की घोषणा की है. केजरीवाल ने देश के नागरिकों से भी उपवास की अपील की है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे लेकर केजरीवाल पर हमला बोला है.

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कैप्टन ने केजरीवाल के उपवास को नाटक बताया है. उन्होंने केजरीवाल को चुनौती दी है कि वो अपनी सरकार का कोई एक कार्य बताएं जो किसानों के हित में उनकी सरकार ने किया हो. कैप्टन ने आरोप लगाया कि पिछले 17 दिन से दिल्ली शहर के बाहर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों की मदद के लिए कुछ भी रचनात्मक करने की बजाय केजरीवाल और उनकी पार्टी राजनीति करने में व्यस्त हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने सवालिया लहजे में केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान आपके शहर के बाहर सड़कों पर ठंड का सामना करते हुए अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं और आप सोच रहे हैं कि मौके का कैसे फायदा उठाया जाए. क्या आपको कोई शर्म नहीं है? उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपनी पार्टी के चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए झूठे प्रचार का सहारा ले रहे हैं.

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कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल ने बार-बार यह साबित किया है कि वो किसानों के हमदर्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे थे, तब 23 नवंबर को केजरीवाल सरकार बेशर्मी से इन काले कानूनों को अधिसूचित कर रही थी. कैप्टन ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों के टुकड़ों पर पनप रही केजरीवाल सरकार के उलट पंजाब सरकार ने न तो अडानी पावर के साथ कोई समझौता किया है और न ही राज्य में बिजली खरीद के लिए किसी के साथ बोली लगाई है.

 

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