पंजाबः किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन करें सरपंच, पंचायती राज विभाग ने जारी किया पत्र

सरदुलगढ़ के ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी की ओर से जारी किए गए पत्र में सरपंचों को इसकी रिपोर्ट देने की भी हिदायत दी गई है.

Advertisement
किसान कर रहे प्रदर्शन (फाइल फोटोः पीटीआई) किसान कर रहे प्रदर्शन (फाइल फोटोः पीटीआई)

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 19 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST
  • आदेश जारी करने वाले अफसर का तबादला
  • कांग्रेस के कार्यक्रम को समर्थन का फरमान
  • 21 सितंबर को विधेयकों के खिलाफ रोष धरना

केंद्र सरकार की ओर से लाया गया किसान बिल लोकसभा से पारित हो चुका है. इसे 20 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाना है. किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं तो राजनीतिक दल भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार को सियासी गलियारे में घेरने में जुटे हैं.

केंद्र को घेरने की इसी कोशिश में पंजाब में एक सरकारी अधिकारी ने ऐसा फरमान जारी कर दिया है, जिसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. पंजाब सरकार के पंचायती राज विभाग ने एक पत्र जारी कर सरपंचों से किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन करने को कहा गया है. इस पत्र को लेकर सियासी गलियारे में घमासान मचा तो आनन-फानन में उस अधिकारी का तबादला कर दिया गया, जिस अधिकारी ने यह पत्र जारी किया था.

Advertisement

पत्र में कहा गया है कि यह पंजाब कांग्रेस का कार्यक्रम है. इस पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से तीन ऑर्डिनेंस पारित कराए गए हैं, जो किसान विरोधी हैं. इसके विरोध में पंजाब सरकार की तरफ से 21 सितंबर को सुबह 10 से 11 बजे तक रोष धरने का कार्यक्रम रखा गया है. इस रोष धरने में हल्के का हर एक सरपंच की ओर से भी अपने गांव में एक रोष धरना दिया जाना है. मंत्री और विधायक, सभी अपने-अपने क्षेत्र के एक ब्लॉक में रोष धरने पर बैठेंगे.

सरदुलगढ़ के ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी की ओर से जारी किए गए पत्र में सरपंचों को इसकी रिपोर्ट देने की भी हिदायत दी गई है. कहा गया है कि रोष धरने की फोटो और वीडियो फेसबुक पर भी डाली जानी है. प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर के मोबाइल नंबर पर वॉट्सएप के जरिए भेजने के भी निर्देश दिए हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement