चन्नी सरकार ने पंजाब डीजीपी को दिए बादल परिवार को झूठे आरोपों में फंसाने का निर्देश: सुखबीर बादल

रविवार को शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार ने राज्य के डीजीपी को बहबल कलां के अपमान और कोटकपूरा फायरिंग मामलों में बादल परिवार को फंसाने का निर्देश दिया है.

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Sukhbir singh badal Sukhbir singh badal

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST
  • बादल बोले- हमें फंसाने की कोशिश में चन्नी सरकार
  • पुलिस महानिदेशक को बादल ने चेताया

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को आरोप लगाया कि चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार ने पंजाब के डीजीपी को बहबल कलां के अपमान और कोटकपूरा फायरिंग मामलों में बादल परिवार को फंसाने का निर्देश दिया है. शिअद के अध्यक्ष ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि चन्नी सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे परवाह नहीं है कि वे हमें फंसाते हैं, लेकिन मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि किसी को झूठे मामले में फंसाना पाप और अपराध है."

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पुलिस महानिदेशक को बादल ने चेताया

शिअद सुप्रीमो ने कांग्रेस सरकार और पंजाब के पुलिस महानिदेशक को चेतावनी दी कि अगर बादल को फंसाने के लिए झूठे गवाहों की व्यवस्था की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा “विश्वसनीय सूत्रों ने मुझे बताया है कि डीजीपी और उनकी टीम को एक झूठे गवाह के लिए एक स्पष्ट योजना तैयार करने और मामले में बादल परिवार का नाम शामिल करने के लिए सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.”

'पहले भी कर चुके फंसाने की कोशिश'

उन्होंने कहा, "सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता पिछले साढ़े चार साल से इस मामले के पीछे पड़े हैं और बादल को फंसाने की दो कोशिशें कर चुके हैं." उन्होंने दावा किया कि चन्नी और उनके डिप्टी अब पांच सदस्यीय एसआईटी बैठकों में भाग ले रहे हैं और बहबल कलां के अपमान  की स्वतंत्र जांच करने के लिए उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं.

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उन्होंने आरोप लगाया, "इससे पहले, (पूर्व आईपीएस अधिकारी और आप नेता) कुंवर विजय प्रताप सिंह ने हमें फंसाने के लिए हर संभव कोशिश की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया." बता दें कि सिंह 2015 कोटकपूरा और बहबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाओं की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे. उन्होंने अप्रैल में समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया. इसके बाद वह जून में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे.

 

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