चंडीगढ़ में रहने वाले एक बुजुर्ग शख्स ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में 1,100 किलो वजन की संगमरमर की मूर्ति बनवाई है. विजय कुमार नाम के इस शख्स ने पत्नी की मूर्ति तैयार कराने के लिए पहले मैडम तुसाद गैलरी से भी संपर्क किया था.
भारत में गर्म तापमान की वजह से मोम की मूर्ति को ज्यादा दिन तक संरक्षित रख पाने में मुश्किल होती इसलिए उन्होंने मोम की जगह संगमरमर की मूर्ति बनवाई. मोम की मूर्ति बनवाने में करीब 4400 पाउंड का खर्चा आता.
विजय कुमार का कहना है कि तलाक के बजाय पति-पत्नी को एक-दूसरे के साथ प्यार के साथ रहना चाहिए. विजय कुमार पत्नी की याद में 5 किताबें भी लिख चुके हैं.
70 वर्षीय विजय कुमार की पत्नी वीणा ब्लड कैंसर से पीड़ित थीं. विजय कुमार पत्नी को याद करते हुए बताते हैं कि इन दिनों वे काफी खतरनाक बीमारी से पीड़ित थीं. 11 मार्च 2019 को 68 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई.
मूर्ति बनवाने की वजह पूछने पर विजय कुमार ने कहा कि घर में उन्हें उनकी पत्नी की कमी न खले इसलिए उन्होंने पत्नी की आदमकद मूर्ति बनवाई है. विजय द्वारा बनवाई गई संगमरमर की इस आदमकद मूर्ति की चर्चा पूरे चंडीगढ़ शहर में है.
कीमत को लेकर विजय कहते हैं कि उन्होंने जिस भावना से ये मूर्ति तैयार करवाई है, उसकी कोई भी कीमत नहीं है. इसलिए वे इस मूर्ति पर खर्च किए गए पैसे का खुलासा नहीं करना चाहते.
चंडीगढ़ में उनके घर पर भी इस भारी-भरकम 1,100 किलो की मूर्ति को दो क्रेनों की मदद से उनके घर के पहले तल पर लाया गया था.
विजय कुमार ने कहा कि पहले लोगों ने उनका मजाक भी बनवाया और मूर्ति बनाने पर सवाल भी खड़े किए लेकिन इससे उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता. इस काम में विजय के बच्चों ने भी मदद की.
विजय कुमार का कहना है कि वह सिर्फ ये मिसाल कायम करना चाहते हैं कि पति-पत्नी के बीच के अटूट रिश्ते में भी बेहद प्यार हो सकता है. पत्नी या पति किसी के जाने के बाद भी उनकी यादों को जिंदा रख सकते हैं.
सतेंदर चौहान