कृषि अध्यादेश का विरोध करेगी SAD, अमरिंदर बोले- एनडीए छोड़कर दिखाएं

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल परिवार अब भी सरकार के साथ चिपके हुए हैं, जबकि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ बिल लाने जा रही है.

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SAD पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का निशाना (फाइल फोटो) SAD पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का निशाना (फाइल फोटो)

आनंद पटेल

  • चंडीगढ़,
  • 17 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST
  • बादल परिवार को एनडीए छोड़ने की दी चुनौती
  • सीएम बोले, बादल परिवार अब भी सरकार के साथ
  • नौटंकी से किसानों का नहीं होगा भला

कृषि अध्यादेशों को लेकर प्रदेश में विवाद बढ़ता जा रहा है. किसान सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को एनडीए गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी है.

गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल परिवार अब भी सरकार के साथ चिपके हुए हैं, जबकि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ बिल लाने जा रही है. ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के नौटंकी से पंजाब के किसानों का नुकसान वापस नहीं होगा, जो उन्होंने पहले किया है. 

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दरअसल कृषि अध्यादेश को लेकर सभी राजनीतिक दल किसानों के समर्थन में आ गए हैं. कांग्रेस और पंजाब सरकार किसानों के साथ है, वहीं पंजाब में विपक्षी अकाली दल भी इस मसले पर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी है. एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद अकाली दल ने कृषि अध्यादेशों से जुड़े बिल पर सरकार का विरोध करने का ऐलान किया है.  

सोमवार को केंद्र सरकार ने तीन अध्यादेश बिल के रूप में संसद में पेश किए थे. सोमवार को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस दिशा में आगे न बढ़ने की अपील की. कैप्टन अमरिंदर ने इन अध्यादेशों को 'किसान विरोधी अध्यादेश' बताया है. साथ ही उन्होंने किसानों के लिए एमएसपी को जरूरी बताया है. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा कि हमारी सरकार लगातार तथाकथित कृषि सुधारों का विरोध कर रही है. हमने केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का समर्थन नहीं किया. यहां तक कि एक बार भी अध्यादेश पर उच्च स्तरीय कमेटी की मीटिंग में चर्चा नहीं की गई. बता दें कि इस कमेटी में पंजाब भी शामिल था. 

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रावसाहिब पाटिल दानवे ने भी संसद में ये मुद्दा उठाया और दावा किया कि सभी सदस्य राज्यों के साथ चर्चा के बाद ही उच्च स्तरीय कमेटी ने अध्यादेश पर फैसला किया है. 

इस दावे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार किया और बताया कि जुलाई 2019 में केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस कमेटी से पहले पंजाब को बाहर रखा गया था, बाद में अगस्त महीने में पंजाब को इसका हिस्सा बनाया गया. तब तक कमेटी की पहली मीटिंग हो चुकी थी. दूसरी मीटिंग 16 अगस्त 2019 को हुई जिसमें पंजाब के वित्त मंत्री ने हिस्सा लिया. 

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के मुताबिक, इस मीटिंग में कृषि के जुड़े कुछ मसलों पर चर्चा हुई, लेकिन अध्यादेश के प्रावधानों पर कोई बात नहीं की गई. इसके बाद 3 सितंबर 2019 को जो मीटिंग हुई उसमें पंजाब सरकार ने APMC एक्ट के खिलाफ किसी भी कदम का विरोध किया. 

कैप्टन अमरिंदर ने बताया कि इसके बाद ड्राफ्ट रिपोर्ट हमारे पास आई, जिस पर हमने स्पष्ट कर दिया कि किसानों के हक के खिलाफ किसी भी कदम का विरोध किया और इसके बाद कोई मीटिंग नहीं हुई.

 

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