भारतीय जनता पार्टी के सरबजीत कौर बनीं चंडीगढ़ की नई मेयर, AAP ने किया हंगामा

चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी है. यहां भाजपा से सरबजीत कौर को चंडीगढ़ की मेयर घोषित किया गया है. भाजपा के दलीप शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर बने हैं. नतीजे आने के बाद यहां आम आदमी पार्टी ने जमकर हंगाम किया और गड़बड़ी के आरोप लगाए.

Advertisement
भाजपा से सरबजीत कौर मेयर तो दलीप शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर बने. भाजपा से सरबजीत कौर मेयर तो दलीप शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर बने.

ललित शर्मा

  • चंडीगढ़,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:23 PM IST
  • सरबजीत को कुल 28 वोटों में से 14 वोट मिले
  • भाजपा के दलीप शर्मा बने सीनियर डिप्टी मेयर

चंडीगढ़ में नगर निगम का परिणाम घोषित होने के बाद शनिवार को शहर को नया मेयर (Mayor Chandigarh) मिल गया. नई मेयर बीजेपी पार्टी से सरबजीत कौर बनी हैं. भाजपा के दलीप शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर बने हैं. यहां बीजेपी को 15 तो आम आदमी पार्टी को 13 सीटें मिली हैं. सरबजीत को कुल 28 वोटों में से 14 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार अंजू कात्याल को 13 वोट मिले, जबकि एक वोट अमान्य घोषित किया गया. एक वोट से सरबजीत कौर को नया मेयर घोषित कर दिया गया.

Advertisement

नगर निगम चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद जमकर हंगामा हुआ. AAP पार्षदों ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत AAP के एक वोट को अमान्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि वोट डालने के लिए इस्तेमाल किया गया बैलेट पेपर फटा था. नतीजे आने के बाद विरोध में आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद डीसी की कुर्सी के पीछे बैठ गए और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की.

मेयर की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी ने किया हंगामा.

सात कांग्रेस पार्षद और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के एकमात्र निर्वाचित पार्षद मेयर चुनाव से अनुपस्थित रहे. उन्होंने वोट नहीं डाला. बता दें कि हाल ही में हुए नगर निगम के नतीजों में आम आदमी पार्टी (आप) ने पहली बार 14 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 12 सीटें जीतीं और कांग्रेस को 8 वहीं एक सीट अकाली दल ने जीती.

Advertisement

पिछले हफ्ते कांग्रेस पार्टी के बागी देवेंद्र सिंह बबला भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा पार्षदों की संख्या बढ़कर 13 हो गई, जबकि स्थानीय सांसद चंडीगढ़ के एक वोट से भाजपा की गिनती 14 हो गई.

नगर निगम के चुनाव की प्रक्रिया में यदि मेयर पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में हैं तो बहुमत प्राप्त करने वाले को मेयर के रूप में चुना जाता है. नगर निगम अधिनियम के तहत कोई दलबदल कानून लागू नहीं होता. किसी भी पार्टी का पार्षद मेयर पद के लिए किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट दे सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement