स्पीकर पद पर अब TMC खफा... के. सुरेश के नामांकन पर पार्टी सांसदों ने नहीं किए साइन

टीएमसी का कहना है कि उम्मीदवारी का ऐलान करने से पहले टीएमसी से इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई. इसलिए के. सुरेश के नामांकन पर तीन बड़े दल तो साइन कर चुके हैं, लेकिन अब तक टीएमसी ने साइन नहीं किए हैं.

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Mamata Banerjee (File Photo) Mamata Banerjee (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ओम बिरला को एक बार फिर अपना स्पीकर प्रत्याशी बनाया है. NDA उम्मीदवार के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने अपने 8 बार के सांसद और केरल कांग्रेस के नेता के सुरेश को मैदान में उतारा है. मंगलवार को कांग्रेस ने ऐलान किया कि के. सुरेश INDIA ब्लॉक से स्पीकर का चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, इस ऐलान को लेकर अब INDIA गठबंधन के अंदर ही आम सहमति बनती हुई दिखाई नहीं दे रही है.

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दरअसल, कांग्रेस की तरफ से के. सुरेश को INDIA ब्लॉक का उम्मीदवार बनाए जाने पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) खफा हो गई है. टीएमसी का कहना है कि उम्मीदवारी का ऐलान करने से पहले टीएमसी से इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई. इसलिए के. सुरेश के नामांकन पर तीन बड़े दल तो साइन कर चुके हैं, लेकिन अब तक टीएमसी ने साइन नहीं किए हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस तरह अकेले फैसला करने को लेकर टीएमसी नाराज चल रही है. 

INDIA ब्लॉक के बीच नहीं बनी सहमति

टीएमसी का कहना है,'लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार को मैदान में उतारने के बारे में टीएमसी से सलाह नहीं ली गई है. राहुल गांधी ने जो बयान दिया, उसके पहले INDIA ब्लॉक के बीच कोई परामर्श नहीं किया गया है. इसके अलावा गठबंधन के बीच कोई सामूहिक निर्णय भी नहीं लिया गया है.'

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इन दलों ने किए के. सुरेश के नामांकन पर साइन

डीएमके, शिवसेना, एनसीपी (शरद पवार) और इंडिया गठबंधन के दूसरे प्रमुख दलों ने के. सुरेश के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. वहीं, टीएमसी ने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं. टीएमसी के सांसद पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं.

सियासी घमासान के बीच क्या बोले शरद पवार

इस बीच शरद पवार ने कहा,'सच बताऊं तो मैंने किसी के साथ चर्चा नहीं की है. ऐसी हमेशा की प्रैक्टिस है कि रूलिंग पार्टी के पास स्पीकर की पोस्ट जाति है. विरोधी पार्टी के साथ डिप्टी स्पीकर का पद जाता था. लेकिन पिछले 10 साल से और मोदी सरकार राज में उनको ज्यादा सीटें मिलने के बाद उन्होंने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद नहीं दिया. हमारी INDIA ब्लॉक के साथ बातचीत हुई. उन्हें मैंने यह सुझाव दिया है कि आप सरकार में बैठे लोगों को अध्यक्ष पद चुनाव निर्विरोध कीजिए. स्पीकर का पद निर्विरोध हो, इसमें हमारी सहमति है. यह संदेश सरकार को दीजिए. साथ ही साथ मैंने यह सुझाव दिया की यह भी बताइए डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए.'

लोकसभा में क्या है नंबरगेम?

लोकसभा के नंबरगेम की बात करें तो इस बार तस्वीर 2014 और 2019 के मुकाबले अलग है. एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन दो चुनाव बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आकंड़े से पीछे रह गई. लोकसभा में एनडीए का संख्याबल 293 है. वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन राहुल गांधी दो सीट से जीते थे इस लिहाज से सांसदों की संख्या 98 थी. राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी है. ऐसे में पार्टी की सीटें भी अब 98 हो गई हैं. कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के 233 सांसद हैं. सात निर्दलीय समेत 16 अन्य भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं.   

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