बिहार के नतीजों पर कांग्रेस में घमासान, सिब्बल पर भड़के अधीर रंजन चौधरी

बिहार और तमाम उप-चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिप्पणी को लेकर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया है.

Advertisement
अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया (फोटो-PTI) अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 18 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST
  • सार्वजनिक बयान देने पर कपिल सिब्बल को नसीहत
  • बिहार चुनाव में सिब्बल कहीं नजर नहीं आए-चौधरी
  • 'काम करते और फिर बोलते तो पार्टी मजबूत होती'

बिहार और तमाम उप-चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिप्पणी को लेकर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया है. अधीर रंजन चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि बिना कुछ किए बोलना आत्मनिरीक्षण होता है?  

पत्रकारों से मंगलवार को बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'कपिल सिब्बल ने इस बारे में पहले भी बात की थी. वह कांग्रेस पार्टी और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता के बारे में बहुत चिंतित हैं. लेकिन हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या गुजरात के चुनावों में उनका चेहरा नहीं देखा.'

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने बिहार विधान सभा चुनाव और मध्य प्रदेश उपचुनाव के परिणामों के मद्देनजर पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता की वकालत की थी. इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया और अधीर रंजन चौधरी ने उन पर निशाना साधा है.

कपिल सिब्बल को नसीहत
 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'अगर कपिल सिब्बल बिहार और मध्य प्रदेश जाते, तो वह साबित कर सकते थे कि जो वो जो कह रहे हैं वह सही है और इससे उन्होंने कांग्रेस की स्थिति मजबूत की होती. ऐसी बातों से कुछ हासिल नहीं होगा. बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मनिरीक्षण नहीं है.' 

इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिब्बल पर निशाना साधा था. अशोक गहलोत का कहना था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी के "आंतरिक मुद्दों" मीडिया में नहीं लाना चाहिए और कहा कि इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

अपने साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा था कि उन्हें मजबूरी में अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहनी पड़ रही है क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने बातचीत का कोई प्रयास नहीं किया. सिब्बल का कहना था कि बिहार और जहां उपचुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को "एक प्रभावी विकल्प" नहीं मानते हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement