संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में शुक्रवार को राज्यसभा में बीरभूम में हुई घटना पर जोरदार हंगामा किया गया. राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली ने बीरभूम का मुद्दा उठाया और बात करते-करते वे फफक-फफक कर रोने लगीं.
रूपा गांगुली ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल के विषय में वह बात करनी है, जिस करके सर झुक जाता है. समझ नहीं आता कहां से शुरू करूं. इस घटना में कितने लोग मरे अगर बताऊं को सिर्फ 8 ही हैं. दो बच्चे हैं और बाकी लोग अभी आग से झुलस कर अस्पताल में भरे हैं जहां पर बर्न यूनिट नहीं है.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इसबार सिर्फ 8 लोग मरे हैं. ज्यादा नहीं मरे सर, ज्यादा मरने से फर्क नहीं पड़ता. बात यह है कि जला के मारा जाता है. बात यह है कि इल्लीगल बंदूकें रखा जाती हैं. बात ये है कि पुलिस पर भरोसा नहीं है. बात यह है कि अनीस खान मरता है तो सिर्फ सीबीआई मांगता है. उन्होंने कहा कि 7 दिन में 26 पॉलिटिकल मर्डर हुए हैं. ऑटॉप्सी रिपोर्ट में कहा है कि पहले उनके हाथ पैर तोड़े और बंद कमरे में मारकर जला दिया गया.
उन्होंने कहा कि पहले एक काउंसलर को मारा, एक उप प्रधान को मारा. इसके बाद मास किलिंग हुआ और किसने मारा कुछ पता नहीं. एक एक करके लोगों को मारा जा रहा है. लोग वहां से भाग रहे हैं. लोग वहां जीने लायक नहीं रह गए हैं. पश्चिम बंगाल भारत का अंग है, हमें वहां राष्ट्रपति शासन चाहिए, हमें जीने का हक है. यह कोई अपराध नहीं हैं कि हमने पश्चिम बंगाल में जन्म लिया है. यह अपराध नहीं हो सकता. दक्षिणेश्वर महाकाली की भूमि है.
इसके बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ, रूपा गांगुली की हालत देखखर उन्हें डिप्टी चेयरमैन ने खुद को संभालने के लिए कहा. इसके बाद राज्यसभा को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया.
रूपा गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोग बोल नहीं सकते. सरकार हत्यारों को बचा रही है. ऐसा कोई दूसरा राज्य नहीं है जहां सरकार चुनाव जीतने के बाद लोगों को मारती है. हम मनुष्य हैं. हम पत्थर दिल राजनीति नहीं करते.
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