कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर फेसबुक इंडिया पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि फेसबुक यूएस का कहना है कि बजरंग दल की सामग्री अपमानजनक है और इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, जबकि फेसबुक इंडिया हमारी संसदीय समिति को बताता है कि बजरंग दल के कंटेंट आक्रामक नहीं हैं. क्या फेसबुक भारत और उसकी संसद से झूठ बोल रहा है?
दरअसल, बुधवार को फेसबुक इंडिया हेड अजीत मोहन संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए थे. बजरंग दल पर प्रतिबंध के सवाल पर अजीत मोहन ने कहा था कि कंपनी की फैक्ट चेकिंग टीम को अब तक ऐसा कोई तत्व नहीं मिला है, जिसके चलते बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता महसूस हो.
अजीत मोहन कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए थे. समिति ने उन्हें यूजर्स के डेटा सुरक्षा के मुद्दे पर बुलाया था. मोहन के साथ फेसबुक के लोक नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल भी थे.
समिति में थरूर के साथ शामिल कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने अजीत मोहन से बजरंग दल पर प्रतिबंध से जुड़ी वाल स्ट्रीट जर्नल की हाल की रिपोर्ट के बारे में सवाल किया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात से जुड़े आंतरिक मूल्यांकन के बावजूद फेसबुक ने वित्तीय कारणों और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा चिंताओं के कारण उस पर शिकंजा नहीं कसा.
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