हाथरस कांड पर शरद पवार बोले- उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई संदेहपूर्ण

शरद पवार ने कहा के उत्तर प्रदेश में हुई घटना के संदर्भ उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन लड़की के परिवार के इच्छा विरुद्ध उसका अंतिम संस्कार हुआ, ये सही नहीं है. ऐसा इसके पहले देश में नहीं हुआ था.

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NCP चीफ शरद पवार (Getty Images) NCP चीफ शरद पवार (Getty Images)

पंकज खेळकर

  • पुणे,
  • 03 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:31 AM IST
  • NCP चीफ शरद पवार का बड़ा बयान
  • योगी सरकार दर्शक बनकर बैठी हैः पवार
  • राहुल गांधी को नहीं रोकना चाहिए था

हाथरस कांड पर NCP चीफ शरद पवार का बड़ा बयान आया है. शरद पवार ने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई बहुत ही संदेहपूर्ण है. यूपी में जो भी हो रहा है उससे कौमी एकता कैसे टिक पाएगी. पुणे में एक कार्यक्रम में मीडिया ने जब शरद पवार से हाथरस कांड के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं हुईं, लेकिन उस वक्त हमने तुरंत कार्रवाई की थी. अभी उत्तर प्रदेश में लगातार दो घटना हुई हैं और योगी सरकार दर्शक बनकर बैठी है, जो बहुत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. 

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शरद पवार ने कहा के उत्तर प्रदेश में हुई घटना के संदर्भ उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन लड़की के परिवार के इच्छा विरुद्ध उसका अंतिम संस्कार हुआ, ये सही नहीं है. ऐसा इसके पहले देश में नहीं हुआ था. राहुल गांधी एक पक्ष के प्रमुख है, उन्हें वहां जाने दिया जाना चाहिए था. उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है.

मराठा आरक्षण पर शरद पवार ने कहा के इस पर रोक राज्य सरकार ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है. चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि शायद उन्हें याद नहीं की जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे और पाटिल एक मंत्री हुआ करते थे. तब राज्य में विधानसभा ने आरक्षण देने का निर्णय पहले लिया, इसलिए रिजर्वेशन का निर्णय अब महाराष्ट्र के हाथ में नहीं है, लेकिन मराठा आरक्षण के लिए जो भी करना पड़े वो सकारात्मक कदम महाराष्ट्र सरकार उठाएगी. 

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पोते पार्थ पवार का किया समर्थन 

शरद पवार ने पोते पार्थ पवार के ट्वीट का बिना नाम लिए समर्थन किया. पवार ने कहा कि आरक्षण के पक्ष में कई लोग अदालत जाने की बात कर रहे हैं. कोई भी कोर्ट में जाए, राज्य सरकार अगर कोर्ट में जाती है तो NCP की भूमिका आरक्षण के पक्ष में ही रहेगी. बता दें कि दो दिन पहले पार्थ पवार ने ट्वीट किया था कि मराठा आरक्षण के पक्ष में वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

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