नगालैंड (Nagaland) की राजनीति में एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ है, जिसके बाद वहां 'विपक्ष हीन' मतलब बिना विपक्ष की सरकार हो सकती है. दरअसल, विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल ‘नगा पीपुल्स फ्रंट’ (एनपीएफ) ने सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) में शामिल होने का मन बना लिया है. NPF के पदाधिकारियों ने इसका ऐलान भी कर दिया है. अब गेंद भाजपा के पाले में है, क्योंकि वह भी एनपीएफ का हिस्सा है.
60 विधानसभा सीटों वाली नगालैंड विधानसभा में NPF के सबसे ज्यादा 25 विधायक हैं. लेकिन अब पार्टी ने नगालैंड के सीएम नेफिउ रियो (Neiphiu Rio) के नेतृत्व वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) में शामिल होने की इच्छा जताई है. NDPP की तरफ से सोमवार को एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है. कहा गया है कि NPF के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. आगे लिखा है कि आगे कोई फैसला लेने से पहले बीजेपी से भी सलाह ली जाएगी, क्योंकि वह नगालैंड में गठबंधन सरकार का हिस्सा है.
एनडीपीपी या भाजपा में विलय को लेकर साफ नहीं स्थिति
विपक्षी नेता टी आर जेलियांग के नेतृत्व वाले एनपीएफ ने सत्तारूढ़ पीडीए में शामिल होने का फैसला किया है. एनपीएफ विधायक दल के प्रवक्ता इमकोंग एल. इमचेन ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि एनपीएफ का सत्तारूढ़ पीडीए सहयोगी दलों एनडीपीपी (NDPP) और भाजपा में से किसी एक के साथ विलय होगा या केवल एक अलग पार्टी के रूप में गठबंधन में शामिल होना होगा.
बता दें कि सत्तारूढ़ पीडीए में 34 सदस्य हैं, जिसमें 20 विधायकों के साथ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी), 12 भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और 2 निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थित है. एनपीएफ में 25 विधायक हैं, जबकि एक सीट खाली है.
इंद्रजीत कुंडू