कोरोना काल में वंदे भारत मिशन, सबसे अधिक लोग केरल में आए: संसद में विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संसद के दोनों सदनों में कोरोना संकट के समय विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत ही करीब 45.82 लाख भारतीयों ने घर वापसी की. जानें और क्या-क्या कहा विदेश मंत्री ने

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फाइल फोटो) विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
  • 1 लाख से अधिक विदेशियों को उनके देश भी भेजा
  • सबसे अधिक लोेग देश में खाड़ी देशों से लौटे
  • कोरोना काल में देश लौटने वालों में 39% श्रमिक

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संसद के दोनों सदनों में कोरोना संकट के समय विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत ही करीब 45.82 लाख भारतीयों ने घर वापसी की. 

वंदे भारत मिशन से वापस आए करीब 46 लाख भारतीय
विदेश मंत्री ने संसद में अपने बयान में कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत 98 देशों में फंसे कुल 45,82,043 भारतीयों ने स्वदेश वापसी की. इसमें से अधिकतर लोग विमानों से वापस आए जबकि कुछ लोग पानी के जहाज से भी.

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सबसे अधिक केरल के लोगों की वापसी
विदेश मंत्री ने कहा कि देश में सबसे अधिक भारतीयों की स्वदेश वापसी केरल में हुई. इसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र और तमिलनाडु का स्थान रहा.

सबसे अधिक लोग यूएई से आए
विदेश में फंसे सबसे अधिक भारतीय यूएई से वापस लौटे, इसके बाद सऊदी अरब और कतर का स्थान रहा. स्वदेश वापसी करने वालों में सबसे अधिक 39% संख्या श्रमिकों की रही. इसके अलावा 39% पेशेवर, 6% छात्रों, 8% पर्यटक और 4.7% फंसे हुए पर्यटकों की घर वापसी सुनिश्चित की गई. 

विदेशी नागरिकों को उनके देश भी भेजा
एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि कोरोना काल में भारत में फंसे विदेशी नागरिकों को भी उनके देश वापस भेजने का काम सफलतापूर्वक किया गया. इस दौरान 1.1 लाख विदेशी पासपोर्ट धारकों को 120 देशों में उनके घर वापस भेजा गया.

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वंदे भारत मिशन पूरी सरकार का कार्यक्रम
विदेश मंत्री ने लोकसभा को बताया कि वंदे भारत मिशन किसी एक मंत्रालय की नहीं बल्कि पूरे भारत सरकार का प्रयास रहा. इस मिशन में विदेश मंत्रालय के साथ-साथ गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय सभी ने मिलकर काम किया.

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