कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने गुरुवार को आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी में उनका जाना जनवरी में ही तय हो गया था जब कांग्रेस छोड़ी थी. एके एंटनी ने अपने बेटे अनिल एंटनी के बीजेपी में शामिल होने के फैसले को गलत बताया. हालांकि, भारतीय राजनीति की यह कोई पहला परिवार नहीं है, जहां पिता-पुत्र अलग-अलग पार्टी में हों. देश में कई राजनीतिक फैमली हैं, जहां एक ही परिवार के सदस्य अपनी-अपनी सियासत अलग-अलग दल के साथ कर रहे हैं. ऐसे ही राजनीतिक परिवार की कहानी....
स्वामी प्रसाद मौर्य और संघमित्रा मौर्य
उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके बेटी संघमित्रा मौर्या अलग-अलग राजनीतिक दल के साथ हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं तो बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी से सांसद हैं. पिता समाजवादी विचारधारा की पैरोकारी कर रहे हैं तो बेटी राष्ट्रवादी और हिंदुत्व की विचारधारा के साथ खड़ी नजर आ रही है. हालांकि, 2017 से पहले पिता-पुत्री एक ही पार्टी बीजेपी में थे, लेकिन बाद में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा का दामन थाम लिया था और संघमित्रा अभी भी बीजेपी के साथ बनी हुई हैं.
रीता बहुगुणा जोशी और मयंक जोशी
प्रयागराज से बीजेपी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और उनके बेटे मयंक जोशी अलग-अलग पार्टी के साथ हैं. रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी के साथ हैं तो मयंक जोशी समाजवादी पार्टी के साथ हैं. हालांकि, पहले पिता-पुत्र एक साथ बीजेपी में थे, लेकिन 2017 में मयंक जोशी को टिकट नहीं मिला तो नाराजगी जाहिर करते हुए आजमगढ़ में अखिलेश यादव की रैली में सपा की साइकिल पर सवार हो गए हैं.
अनुप्रिया पटेल और कृष्णा पटेल-पल्लवी पटेल
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल अलग-अलग पार्टी में है. अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल अपना दल (एस) में हैं जबकि कृष्णा पटेल अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष हैं तो पल्लवी पटेल सपा से विधायक हैं. कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल एक साथ हैं तो अनुप्रिया और आशीष एक खेमे में है. इस तरह दोनों ही
खेमा सोनलाल पटेल की विरासत का दावा करता है.
केसी त्यागी और अमरीश त्यागी
जेडीयू के दिग्गज नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य केसी त्यागी और उनके बेटे अमरीश त्यागी अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के साथ हैं. केसी त्यागी मौजूदा समय में नीतीश कुमार के साथ हैं और जेडीयू में हैं तो अमरीश त्यागी बीजेपी के साथ हैं. इस तरह पिता और पुत्र अलग-अलग विचारधारा वाले दल के साथ खड़े हैं.
यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा
झारखंड की सियासत के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और उनके बेटे जयंत सिन्हा अलग-अलग पार्टी में है. यशवंत सिन्हा बीजेपी छोड़कर ममता बनर्जी की टीएमसी का दामन थाम लिया था और राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी दल की तरफ से उम्मीदवार थे जबकि जयंत सिन्हा बीजेपी से सांसद हैं और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
राकेश पांडेय और रीतेश पांडेय
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र से आने वाले दिग्गज नेता राकेश पांडेय और उनके बेटे रीतेश पांडेय अलग-अलग पार्टी के साथ हैं. राकेश पांडेय अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा के विधायक हैं जबकि रीतेश पांडेय अंबेडकरनगर सीट से बसपा के सांसद हैं. हालांकि, एक समय पिता-पुत्र दोनों ही बसपा में थे, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव से पहले राकेश पांडेय ने सपा में शामिल हो गए हैं.
जगदानंद सिंह और अजीत सिंह
बिहार के दिग्गज नेता और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह ने अपने पिता से अलग राजनीतिक दल को चुना है. अजीत सिंह ने साल 2022 में नीतीश कुमार की जेडीयू का दामन थामा था. जगदानंद सिंह के पहले बेटे नहीं है जो दूसरे दल के साथ हैं बल्कि बड़े बेटे सुधाकर सिंह भी एक समय में बीजेपी का दामन थामकर उनके खिलाफ ही चुनाव लड़ गए थे. हालांकि, अब आरजेडी के विधायक हैं.
यूपी के अंसारी परिवार तीन दल के साथ
उत्तर प्रदेश का 'अंसारी परिवार' पूर्वांचल की सियासत में एक बड़ा राजनीतिक घराना है, जो तीन पार्टियों के बीच बंटा हुआ है. बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं. मुख्तार के भाई अफजल अंसारी बसपा से विधायक हैं जबकि उनके बड़े भाई सिगबतुल्लाह अंसारी और भतीजे सुहैब अंसारी उर्फ मन्नू अंसारी सपा में है. मन्नु अंसारी सपा से विधायक हैं. इस तरह से परिवार के तीन नेता जनप्रतिनिधि हैं और तीनों ही अलग-अलग पार्टी से हैं.
कुबूल अहमद