चुनावी राज्यों पर किसान आंदोलन का फोकस, योगेंद्र यादव बोले, मिशन यूपी-उत्तराखंड लॉन्च

योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने 8 महीने आंदोलन करने के बाद ये फैसला लिया है कि यूपी, यूके (उत्तराखंड) के साथ पूरे देश में इस आंदोलन को बढ़ाएंगे.

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योगेंद्र यादव, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता (फाइल फोटो) योगेंद्र यादव, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता (फाइल फोटो)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 26 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST
  • किसान आंदोलन के आठ महीने पूरे
  • लखनऊ को भी दिल्ली की तरह घेरने की तैयारी

संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता योगेंद्र यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आज दिल्ली से चल रहे हमारे आंदोलन के 8 महीने पूरे हो गए हैं. ऐतिहासिक आंदोलन ने किसान को उसकी राजनीतिक ताकत का एहसास दिलाया है. एमएसपी की गारंटी किसानों को नहीं मिली. आज हम लखनऊ में इस आंदोलन की आगे की घोषणा करने आए हैं. आंदोलन को और ज्यादा बड़ा बनाने के लिए मिशन यूपी उत्तराखंड लॉन्च किया जा रहा है. इसके तहत तमाम कार्यक्रम होंगे. जगह जगह रैलियां, आंदोलन कार्यक्रम होंगे. गांव गांव में लोगों को जागरूक करेंगे. यूपी सरकार के खिलाफ विरोध तेज करेंगे. 

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उन्होंने कहा, 'यूपी सरकार ने घोषणा की थी कि दाने दाने की खरीद करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सिर्फ 18 प्रतिशत ही गेहूं की खरीद हो सकी है. सरसों की खरीद भी बहुत कम हुई. मक्का, उड़द, दलहन वगैरह की जीरो खरीद हुई है. किसान को एमएसपी से नीचे रहकर फसल बेचनी पड़ी है.

और पढ़ें- यूपी : किसान नेता की हत्या, BKU ने गिरफ्तारी के लिए दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी हमेशा आंदोलन का प्रदेश रहा है. मूंग के किसानों ने 3 हजार रुपये सस्ती फसल बेची. आलू का किसान बर्बाद हुआ है. गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ का भुगतान बाकी है.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में आंदोलन के बाद रेट बढ़ता रहा लेकिन इस सरकार ने कुछ नहीं बढ़ाया. यूपी में किसानों को सबसे महंगी बिजली मिलती है. संयुक्त मोर्चा ने 8 महीने आंदोलन करने के बाद ये फैसला लिया है कि यूपी, यूके (उत्तराखंड) के साथ पूरे देश में इस आंदोलन को बढ़ाएंगे.

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