दिल्ली हज हाउस: महापंचायत पर बोले ओवैसी- ऐसे नारे देखकर मुसलमान कैसे सुरक्षित महसूस कर सकता है?

ओवैसी ने आरोप लगाया कि ''ऐसी भीड़ और ऐसे नारे देखकर भारत का मुसलमान सुरक्षित कैसे महसूस कर सकता है?''

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AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (फोटो-PTI) AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (फोटो-PTI)

आशीष पांडेय

  • हैदराबाद,
  • 09 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST
  • दिल्ली हज हाउस के खिलाफ हुई थी महापंचायत
  • ओवैसी ने लोकसभा में दिया नोटिस
  • महापंचायत की नारेबाजी पर उठाए सवाल

ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में बन रहे हज हाउस मामले में सोमवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया था. ये प्रस्ताव उस महापंचायत के खिलाफ दिया गया जो दिल्ली के द्वारका इलाके में हुई थी और आरोप लगे थे कि यहां एक सम्प्रदाय विशेष के ख़िलाफ़ उत्तेजक नारेबाज़ी की गई.

ओवैसी ने आरोप लगाया कि ''ऐसी भीड़ और ऐसे नारे देखकर भारत का मुसलमान सुरक्षित कैसे महसूस कर सकता है?''

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शुक्रवार को दिल्ली के पहले हज हाउस के निर्माण के विरोध में हिंदुत्व संगठनों द्वारा एक 'महापंचायत' का आयोजन द्वारका के भरथल चौकी इलाके में किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देशों का उल्लंघन और COVID-19 महामारी के नियमों के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया है.

द्वारका के सेक्टर 22 में हज हाउस की आधारशिला 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने रखी थी और इसके लिए 5,000 वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित किया था. 2018 में वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने हज हाउस के लिए 94 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

पिछले शुक्रवार को द्वारका में हज हाउस के विरोध में एक 'महापंचायत' बुलाई गई और इस पंचायत में भी मुसलमानों के खिलाफ़ नारे लगाए गए.

ओवैसी ने पीएम मोदी को भी घेरा

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ओवैसी ने क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, ''पिछले साल मोदी के मंत्री ने 'गोली मारो' का नारा लगाया था और उसके तुरंत बाद उत्तर-पूर्व दिल्ली में मुसलमानों का खुले आम नरसंहार हुआ. आख़िर, इन गुंडों की बढ़ती हिम्मत का राज़ क्या है? इन्हें पता है कि मोदी सरकार इनके साथ खड़ी है.

ओवैसी ने कहा कि 24 जुलाई को भारत सरकार ने रासुका (NSA) के तहत दिल्ली पुलिस को किसी भी इंसान को हिरासत में लेने का अधिकार दिया था. फिर भी दिल्ली पुलिस चुपचाप तमाशा देख रही है.'' 

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि लोकसभा में इस पर चर्चा होनी चाहिए, ''वज़ीर-ए-दाखला की जवाबदेही होनी चाहिए''. 


 

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