AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इंदौर में चूड़ीवाले की पिटाई मामले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मोदी सरकार को चौरी चौरा कांड की याद दिलाते हुए घेरा है.
उन्होंने कहा कि इंदौर के तसलीम का इतिहास से क्या रिश्ता है? 4 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की शुरुआत की थी. असहयोग आंदोलन में प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए थे. जवाबी कार्रवाई में आंदोलनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए. बाद में हिंसा के चलते गांधीजी ने आंदोलन को रोक दिया था.
ओवैसी ने कहा कि इस समारोह में चौरी चौरा के शहीदों के 99 वंशज को सम्मानित किया गया. पीएम मोदी ने उस अवसर पर कहा था कि चौरी चौरा पर रिसर्च की सख्त जरूरत है. इसी जरूरत को हम आज पूरा करने की कोशिश करेंगे.
इस घटना के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक चेहरा था शहीद अब्दुल्लाह का. अब्दुल्लाह चूड़िहार बिरादरी के थे और टोकरी में कांच की चूड़ियां लेकर गांव-गांव बेचा करते थे. इंदौर के तसलीम भी इसी बिरादरी के हैं और यही काम करते समय एक उग्रवादी भीड़ ने उन्हें पीट दिया और उनके पैसे भी लूट लिए.
अब्दुल्लाह समेत 19 लोगों ने देश के लिए अपनी जान की अजीम कुर्बानी दी. अंग्रेजों ने अब्दुल्लाह और उनके साथियों को फांसी की सजा दे कर शहीद कर दिया. अगर आज अब्दुल्लाह जिंदा होते तो वो क्या सोंचते? एक तरफ मुल्क के वजीर-ए-आजम शहीदों के वंशज को सम्मानित कर रहे थे तो दूसरी ओर मोदी के समर्थक अब्दुल्लाह के मजहब और बिरादरी के एक लड़के को पीट कर लूट रहे थे.
आशीष पांडेय