माणिक साहा (Manik Saha) ने रविवार को त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अगरतला स्थित राजभवन में सुबह 11.30 बजे राज्यपाल ने उन्हें शपथ दिलाई. इससे पहले शनिवार को बिप्लब देब ने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया था. हालांकि उनके इस्तीफे थोड़ी देर बाद ही माणिक साहा के नाम पर मुहर लग गई.
मानिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ मानी जाती है. मानिक को बीजेपी में किसी खेमे का नहीं माना जाता है. माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी में आते ही माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. वो त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी बने. अब बीजेपी ने उन्हें सीएम के ताज से नवाजा है.
बिप्लब देब की कार्यशाली से नाराज थे विधायक
बिप्लब देब की कार्यशैली को लेकर कई विधायकों में नाराजगी थी. इसके चलते तीन विधायकों ने इस्तीफा भी दे दिया था. अहम बात ये भी कही जा रही है कि बिप्लब देब ने त्रिपुरा में 25 साल पुराने वामपंथी शासन को सत्ता से हटाया था और 2018 में बीजेपी को जीत दिलाई थी. अब उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है क्योंकि मानिक साहा को एक महीने पहले ही राज्यसभा के लिए चुना गया था. उनके मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद राज्य में एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है.
गौरतलब है कि त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. त्रिपुरा में 60 सदस्यों वाली विधानसभा है. पिछले चुनाव में बीजेपी 36 सीटें जीतकर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी और वहां लंबे समय से चले आ रहे वामपंथी शासन को खत्म किया था. उस चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को सिर्फ 16 सीटें ही मिली थीं.
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