प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आन्दोलनजीवी वाले बयान पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने निशाना साधा है. संजय सिंह ने कहा कि आंदोलनजीवी शब्द का इस्तेमाल कर PM मोदी ने हिंदुस्तान के लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाया है. बुधवार को पार्टी दफ़्तर पहुंचे AAP सांसद संजय सिंह एक सवाल के जवाब पर पीएम मोदी पर जमकर बरसे.
प्रधानमंत्री के आन्दोलनजीवी बयान पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि "जब आप सत्ता में नहीं होते हैं तो आंदोलनजीवी होते हैं लेकिन जब सत्ता में आते हैं तो 'भाषणजीवी' या 'जुमलाजीवी' हो जाते हैं. आंदोलनजीवी लोगों ने ही इस देश की आत्मा को जीवित रखा है."
उन्होंने कहा कि "PM मोदी में भारत के उन तमाम क्रांतिकारियों के मज़ाक उड़ाया है जिन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ़ आंदोलन कर इस मुल्क को आज़ाद कराया था. PM मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ राम मनोहर लोहिया, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के साथ-साथ पिछले 80 दिनों से आंदोलन कर रहे लाखों किसानों का मज़ाक उड़ाया है"
संजय सिंह ने कहा "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि आंदोलनजीवी लोगों ने इस देश को आज़ाद कराया है और आज आंदोलनजीवी की वजह से आप और हम संसद में बोलने का अधिकार मिला है. आंदोलनजीवी लोगों ने देश को संविधान दिया है और सत्ता के अहंकार के खिलाफ सड़क पर संघर्ष किया है."
आंदोलनजीवी शब्द के इस्तेमाल पर नाराज़गी जताते हुए AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि "प्रधानमंत्री को पद की गरिमा रखते हुए इस तरह के शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि जब साल 1975 में देश मे इमरजेंसी लगाई गयी थी, तब कई भाजपा नेता इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन करने की वजह से सालों तक जेल में रहे थे."
सदन में उत्तराखंड आपदा पर बोलने के लिए मांगा समय
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के संबंध में राज्यसभा के सेक्रेट्री जनरल को एक पत्र लिखा है और उनसे राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान देव भूमि में आई प्राकृतिक आपदा के बाद उत्पन्न विकट परिस्थिति को लेकर अपनी बात रखने के लिए समय देने की अपील की है.
संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि देवभूमि में आई प्राकृतिक आपदा में अब तक लगभग 32 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग अभी तक लापता है. यह बेहद ही दुखद क्षण है. वहां रैनी में मोटर पुल के बह जाने के बाद से 13 गांवों का संपर्क टूट गया है. रैनी में आई प्राकृतिक जल सुनामी के कारण वहां के टनल में अभी भी काफी लोग फंसे हुए हैं. वहां पर अब तक 32 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और रेस्क्यू का कार्य चल रहा है, लेकिन इसे और तेज करने की आवश्यकता है.
संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि देवभूमि में अलग-अलग राज्यों से आकर रहने वाले लोग फंसे हुए हैं. इस दुखद घटना में मरने वाले व्यक्तियों के परिजनों को और घायल लोगों के परिजनों को तत्काल आर्थिक मदद पहुंचाने की आवश्यकता है. इस विकट आपदा के बाद उत्पन्न कुछ विकट समस्याओं के संबंध में मुझे राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान अपने विचार रखने का समय दिया जाए.
पंकज जैन