तीन बिलों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजे जाने के बाद देश में सियासत तेज हो गई है. टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने जेपीसी में अपने सांसद नहीं भेजने का फैसला किया. विपक्ष का कहना है कि यह बिल मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को उनके पद से हटाने का कानून है और इसका मकसद विपक्ष को निशाना बनाना है.