यह बहस शिक्षा से जुड़े संस्थानों की वर्तमान स्थिति और भारतीय इतिहास की पुनर्व्याख्या पर केंद्रित थी. एक पक्ष ने आरोप लगाया कि यूजीसी और मेडिकल काउंसिल जैसे शिक्षा से संबंधित संस्थानों पर एक विशेष विचारधारा के लोगों का कब्जा हो गया है.