संसद के मानसून सत्र में हंगामे के कारण जनता के 204 करोड़ रुपये से अधिक बर्बाद हो गए, जहाँ लोकसभा में 120 में से केवल 37 घंटे और राज्यसभा में 47 घंटे ही काम हुआ. इस पर निर्दलीय सांसद उमेश भाई पटेल ने मांग की है कि जब सदन चला ही नहीं तो सांसदों को वेतन और भत्ते न दिए जाएं और खर्च उन्हीं से वसूला जाए.