आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू धर्म और उसकी संस्कृति को लेकर अपनी सोच साझा की है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह एक समावेशी सांस्कृतिक पहचान है जो मातृभूमि की भक्ति, पूर्वजों के गौरव और संस्कृति की विरासत पर आधारित है. उनके अनुसार, हिंदू धर्म केवल खानपान और पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी लोगों को उनके रीति-रिवाजों को बनाए रखते हुए अपनी संस्कृति में शामिल होने का अवसर देता है.