मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की और इस दौरान अज़म खान और अल फलाह यूनिवर्सिटी का उल्लेख करते हुए सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि दुनिया में मुसलमान न्यूयॉर्क और लंदन जैसे शहरों में मेयर बन सकते हैं, लेकिन भारत में मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नहीं बन पाते और अगर बन भी जाते हैं तो जेल में होते हैं.