अद्भुत, अविश्वसनीय और कल्पनीय शो में श्वेता सिंह ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा और कावेरी नदियों के बीच स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में जानकारी दी। यह मंदिर कई रहस्यों को समेटे हुए है। मंदिर के गर्भगृह के ऊपर शिखर नहीं है और महादेव के ठीक सामने नंदी विराजमान नहीं हैं, वे दूसरी जगह स्थापित हैं। यहाँ एक नहीं, पाँच शिवलिंगों की कहानी है, जिनमें ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, सिद्धनाथ, गुप्तेश्वर और ध्वजेश्वर महादेव शामिल हैं। पूरा टापू ओम के आकार का है। मान्यताओं के अनुसार, राजा मान्धाता की तपस्या से यह शिवलिंग प्रकट हुआ था। नंदी को सुरक्षा की दृष्टि से शिवलिंग के सामने न रखकर एक ओर स्थापित किया गया था। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि "ये ओरिजिनल शिवलिंग न होते हुए उनके साइड के गर्भगृह में ओंकारेश्वर ज्योति लिंगमान विराजमान है।" पुरातत्व विभाग द्वारा दिल्ली से इन मंदिरों का एक्स-रे कराया गया है। एक ही दीपक में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की तीन बातें जलती हैं। ओंकार पर्वत की सात किलोमीटर लंबी परिक्रमा का भी महत्व है।