पति से हुई बहस तो महिला ने 6 साल के बेटे को मगरमच्छों वाली नहर में फेंका, जबड़े से मिली लाश

कर्नाटक के हलामदी गांव में 32 साल की महिला सावित्री की उसके पति रवि कुमार से बेटे को लेकर बहस हो गई. इसके बाद महिला ने बेटे को नहर में फेंक दिया. 6 साल के बेटे विनोद को बोलने और सुनने में कुछ परेशानी थी, इस बात को लेकर ही दोनों पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता रहता था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

सगाय राज

  • उत्तर कन्नड़,
  • 06 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST

कर्नाटक में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने पति से बहस के बाद अपने 6 साल के बेटे को नहर में फेंक दिया. इस घटना के बाद बच्चे को ढूंढने के लिए लगाई गई सर्च टीम ने बच्चे की लाश मगरमच्छ के जबड़े से बरामद कर ली है. उसके शव के कुछ हिस्से को मगरमच्छ ने खा लिया है. पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है.

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पुलिस के मुताबिक घटना उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली तालुक के हलामदी गांव की है. यहां 32 साल की महिला सावित्री की उसके पति रवि कुमार (36) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, उनके 6 साल के बेटे विनोद को बोलने और सुनने में कुछ परेशानी थी, वह आम बच्चों की तरह सुन-बोल नहीं पाता था. इस बात को लेकर ही दोनों पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता रहता था.

काली नदी से जुड़ती है नहर

सावित्री और रवि के बीच बच्चे को लेकर शनिवार को भी बहस हुई. इसके बाद सावित्री ने रात करीब 9 बजे अपने बेटे विनोद (6) को नहर में फेंक दिया, जो आगे जाकर मगरमच्छ से भरी काली नदी में जुड़ती है. घटना के कुछ देर बाद ही पुलिस और फायर ब्रिगेड के गोताखोरों की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. हालांकि, लंबे ऑपरेशन के बाद भी रात में उसे ढूंढा नहीं जा सका.

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14 दिन की हिरासत में भेजा

अगले दिन रविवार को सर्च टीम ने बच्चे के शव को मगरमच्छ के जबड़े से बरामद किया. मगरमच्छ उसके दाहिने हाथ का हिस्सा खा चुके हैं. शरीर पर गंभीर चोट और काटने के निशान हैं. आरोपी दंपति राजमिस्त्री और नौकरानी के रूप में काम करते थे. दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

महिला का पति पर आरोप

महिला का कहना है कि इस वारदात के लिए मेरे पति जिम्मेदार हैं. वह बार-बार कहते थे कि बेटे को मरने दो. वह सिर्फ खाता रहता है. अगर मेरे पति यही कहते रहते तो मेरा बेटा कितना अत्याचार सहता. मैं अपना दर्द कहां बांटने जाऊंगी.

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