शेर को क्यों आती है ज्यादा नींद, 20 घंटे क्यों सोते हैं ? चौंकाने वाली है वजह

केन्या के मसाई मारा नेशनल रिजर्व से जंगल की अनसुनी कहानियां सामने आई हैं. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने बताया कि शेर क्यों ज़्यादातर समय आराम करते हैं, हाथियों के झुंड की अगुवाई हथिनी क्यों करती है और लाखों विल्डबीस्ट-ज़ेब्रा हर साल पलायन क्यों करते हैं. यह रिपोर्ट जंगल के संतुलन और जीवन के संघर्ष को दिखाती है.

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शेर के ज्यादा सोने का मिल गया जवाब (Photo: ITG) शेर के ज्यादा सोने का मिल गया जवाब (Photo: ITG)

धर्मेंद्र साहू

  • भोपाल,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

केन्या का मसाई मारा नेशनल रिजर्व दुनिया के सबसे रोमांचक और समृद्ध जंगलों में गिना जाता है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे के मुताबिक, मसाई मारा अपनी खुली घासभूमि, घुमावदार नदियों और अद्भुत जैव-विविधता के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि यहां शिकारी जानवरों का व्यवहार और ‘द ग्रेट माइग्रेशन’ जैसे प्राकृतिक चमत्कार साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. इस जंगल में बड़ी संख्या में शेर, चीता, तेंदुआ, हाथी, जिराफ और गैंडे पाए जाते हैं.

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हाथियों के झुंड की अगुवाई हथिनी क्यों करती है ?

अजय दुबे बताते हैं कि अफ्रीकी और एशियाई हाथियों में स्पष्ट अंतर नजर आता है. अफ्रीकी हाथी आकार में बड़े होते हैं, उनकी पीठ झुकी होती है और कान बेहद चौड़े होते हैं. सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि एशिया में केवल नर हाथियों के दांत होते हैं, जबकि अफ्रीका में नर और मादा दोनों के दांत पाए जाते हैं. वहीं, हाथियों के झुंड का नेतृत्व हथिनी करती है, क्योंकि बुजुर्ग हथिनियों के पास सालों का अनुभव होता है और वही पूरे झुंड को सुरक्षित रास्ता दिखाती हैं.

शेर क्यों करते हैं 20 घंटे आराम? 

शेरों की बात करें तो एक झुंड में आमतौर पर एक या दो नर शेर, कई शेरनियां और उनके बच्चे शामिल होते हैं. शिकार अधिकतर शेरनियां करती हैं, क्योंकि वो फुर्तीली होती हैं और सामूहिक रणनीति के साथ शिकार को अंजाम देती हैं. नर शेर झुंड की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है.

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सबसे बड़ा सवाल यही है कि शेर ज़्यादातर समय सोते क्यों रहते हैं. अजय दुबे के अनुसार, शेर दिन में 18 से 20 घंटे आराम करते हैं. यह आलस नहीं, बल्कि ऊर्जा बचाने की रणनीति है. शिकार में अत्यधिक ताकत लगती है और अफ्रीका की गर्म जलवायु में आराम करना उनके जीवित रहने के लिए जरूरी है.

मसाई मारा में ‘द ग्रेट माइग्रेशन’ भी एक अद्भुत नज़ारा है, जहां लाखों विल्डबीस्ट और ज़ेब्रा भोजन और पानी की तलाश में लंबी दूरी तय करते हैं. इसी खुले इको-सिस्टम के कारण यहां 100 मीटर के दायरे में शेर, चीता और तेंदुए को एक साथ देखना भी संभव हो जाता है. मसाई मारा का जंगल सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि जीवन, संतुलन और संघर्ष की जीवंत पाठशाला है.

 

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