पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने संकटग्रस्त संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोल दिए हैं. उन्होंने राजभवन की सीमाओं के अंदर तीन घरों का निर्माण कर संदेशखाली के पीड़ितों को सांत्वना देने की एक खास योजना शुरू की है. राज्यपाल ने इन घरों को शांति होम का नाम दिया है.
राज्यपाल ने सोमवार को कहा कि राजभवन के दरवाजे संदेशखाली की महिलाओं के लिए खुले हैं. जो महिलाओं अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं. वो यहां आकर रुक सकती है आराम कर सकती हैं. ये फैसला संदेशखाली में पीड़ित परिवारों के मदद की गुहार लगाने के बाद किया गया है.
पीड़िता महिलाओं ने राज्यपाल के बांधी राखी
राज्यपाल सीवी आनंद बोस बीते दिनों संदेशखाली के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने पीड़ित महिलाओं ने मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना. साथ ही कुछ महिलाओं ने राज्यपाल को राखी भी बांधी थी.
वहीं, राज्यपाल ने अब अपनी कलाई पर राखी बांधने वाली संदेशखाली की पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी रक्षा करने का वादा किया है. इसके बाद राज्यपाल में महिलाओं की स्थिति को देखकर राजभवन सीमा के अंदर बने शांति होम्स का उद्घाटन करने के फैसला किया, जहां पीड़ितों के लिए आवास और मुफ्त भोजन दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने पीड़िताओं से वादा किया कि वह नियमित रूप से सभी के संपर्क में रहेंगे और वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
'भाई के घर की तरह है शांति होम्स'
राज्यपाल के संदेशखाली के निरीक्षण दौरे के वक्त राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि संदेशखाली पीड़ित महिलाओं के लिए शांति होम्स उनके भाई के घर की तहर है.
क्या है मामला
बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में पिछले कुछ दिनों से महिलाएं बड़ी संख्या प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाओं ने प्रदेश की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनका आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया और जबरन जमीन पर भी कब्जा करने का आरोप लगाया है.
अनुपम मिश्रा