मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार अगले 24 घंटे में ओडिशा, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. जबकि सिक्किम, बिहार के कुछ हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, तटीय कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों तेज बारिश होने का अनुमान है.
बिहार: पटना में गंगा के बढ़े जलस्तर से कई गांवों का संपर्क टूटा, नाव के जरिए आवागमन
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा पंजाब के बचे हुए हिस्सों में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून देर से पहुंचेगा क्योंकि हवा के रुख से बारिश की कोई संभावना नहीं है.
मौसम विभाग के अनुसार अब 25 जून तक हल्की बारिश की संभावना भी नहीं है. जिसकी वजह से उमस बनी रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में तापमान भी बढ़कर 38 से 39 डिग्री तक पहुंच सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान भी 28 से 29 डिग्री तक रह सकता है. 26 जून को हल्की बारिश होने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का अनुमान है कि आज यानी मंगलवार (22 जून) को राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) 38 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 27 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मॉनसून का इंतजार लंबा होता जा रहा है. अभी तक दिल्ली में दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून (Monsoon) ने दस्तक नहीं दी है.
उत्तराखंड में नदियां उफान पर हैं और पहाड़ टूट रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में हर साल बाढ़ और बारिश से करीब 64 करोड़ का नुकसान होता है. उत्तराखंड कई तरह की आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है.
बिहार के कई ज़िलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. पटना में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. बिहार में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं. उत्तर बिहार की नदियों के रौद्र रूप के बाद अब गंगा और पुनपुन का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं.
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार हरियाणा और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी गुजरात पर बना हुआ है.
बिहार से सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. जबकि उत्तर पश्चिमी राजस्थान से लेकर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ रेखा है, जो दक्षिण हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए गुजर रही है.