नागर विमानन एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने बुधवार को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘संस्कृति के आयाम’का विमोचन किया. उन्होंने विमोचित पुस्तक की लेखिका डॉ. मनोरमा मिश्रा को बधाई देते हुए कहा, 'यह पुस्तक कई ग्रंथों का सार है. यह गागर में सागर के समान है, जिसकी विशेषता है, संस्कृति, संस्कार और लोकमंगल की भावना. इस छोटी-सी पुस्तक में वह सब-कुछ शामिल है, जो हमें अपनी संस्कृति को समझने के लिए जरूरी है. हमारी संस्कृति अध्यात्म पर आधारित है और जब हम अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं तो वह हमारा धर्म बन जाता है.”
'लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में सफलता मिलेगी'
वी.के. सिंह ने सामाजिक और सांस्कृतिक कृत्यों पर बात करते हुए कहा कि यदि हम संस्कृति के अनुसार किए गए हर काम को वैज्ञानिक नजरिये से देखें तो लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में सफलता जरूर मिलेगी. एनबीटी, इंडिया के सभागार कक्ष में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में श्री बी.आर. शंकरानंद, आई.पी.एस. अधिकारी डॉ. आर.सी. मिश्रा, प्रो. रवि प्रकाश टेकचंदानी और प्रो. हरींद्र कुमार उपस्थित थे.
कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, ‘‘जिसके कारण हम विश्व गुरु कहलाए, विश्व के लिए उस ज्ञान-परंपरा को दोबारा से स्थापित करने की जरूरत है. ज्ञान-परंपरा को स्थापित करने का जो शाश्वत काम है, वह है-पुस्तक और ज्ञान का डॉक्यूमेंटेशन, जो किताबों के माध्यम से ही संभव है.”
लगभग 295 ग्रंथों का अध्ययन कर लिखी गई इस पुस्तक में भावी पीढ़ी को भारतीय ज्ञान, परंपरा, संस्कृति को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है.
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