तपोवन में आज रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा. NDRF, SDRF, ITBP की टीम लगातार सुंरग से कीचड़ निकाले की कोशिश कर रही है. सुरंग में 100 मीटर तक का रास्ता साफ हो चुका है. लेकिन इसके बाद कचरे और गाद की वजह से सुरंग का रास्ता बंद हो चुका है. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही है.
उत्तराखंड की आपदा में लापता हुए उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने अपने इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर एक्टिव कर दिया है. सरकारी मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर-1070 और व्हॉट्सएप नंबर 9454441036 पर संपर्क किया जा सकता है.
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ग्लेशियर टूटने से आई आपदा से रैणी एवं तपोवन में हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है. उन्होंने कहा कि इस आपदा में कार्यरत एक विद्युत परियोजना पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है, जबकि NTPC के प्लांट को भी काफी क्षति पंहुची है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान के कारणों की इसरो की इमेजेज के आधार पर एनटीसीपी, टीएचडीसी एवं एसजेवीएनएल के पदाधिकारी भी अध्ययन करेंगे, इनकी एक टीम पैदल भी क्षेत्र का जायजा लेने के लिए जाएगी.
उत्तराखंड में आपदा के पश्चात लापता हुए लोग अब वापस आकर अपनी उपस्थिति की सूचना दे रहे हैं. सोमवार को 202 लापता लोगों में से 05 लोगों ने स्वयं अपनी मौजूदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इस प्रकार अब कुल लापता लोगों की संख्या हुई 197 हो गयी है. इनमें से 26 लोगों के शव मिल चुके हैं, इस तरह से अब 171 लोग लापता हैं.
इस बीच सोमवार शाम को तपोवन में ITBP, NDRF, SDRF, उत्तराखंड पुलिस की मीटिंग हुई. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत मौजूद रहे.
तपोवन पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आजतक से कहा है कि लगभग 50 मीटर सुरंग की सफाई बाकी रह गई है. उन्होंने कहा कि 150 मीटर से ज्यादा दूर मलबा नहीं गया होगा. इस मलबे की सफाई में 2 से 3 घंटे लग सकते हैं. इसके बाद कुछ अच्छी खबर आ सकती है. उन्होंने कहा कि इस त्रासदी में अबतक 24 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 180 लोग अब भी लापता हैं.
उत्तराखंड के तपोवन में टनल से मलबा निकालने का काम जारी है. NDRF की टीम मलबे में तलाशी भी कर रही है. मलबे में फंसे लोगों का सुराग ढूंढ़ने के लिए NDRF की टीम सभी मशीनों और यंत्रों का सहारा ले रही है.
तपोवन में ITBP के पश्चिमी कमान के एडीजी एमएस रावत ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को तपोवन सुरंग पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी. सीएम आज जोशीमठ में रात गुजारेंगे.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तपोवन पहुंच गए हैं. यहां उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया.
आर्मी ने संकट की स्थिति के लिए तपोवन में इमरजेंसी के लिए 6 बेड वाला एक अस्थायी अस्पताल बना दिया है. बहुत संभव है कि सुरंग से कुछ लोग बेहोशी की हालत में निकलें, ऐसी स्थिति में उनका यहां पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा.
उत्तराखंड के बीजेपी के सांसदों ने राज्य में आई आपदा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश नड्डा भी मौजूद थे. सांसदों ने राज्य के आपदा के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है.
बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि आपदा के तुरंत बाद सरकार ने कदम उठाए. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की ओर से भी समय पर कदम उठाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने राज्य सरकार पूरी मदद देने का भरोसा दिया है. आने वाले समय में जो आपदाएं आती है उसके बारे में कैसे निपटा जाए इस बारे में भी चर्चा की गई.
तपोवन के सुरंग नंबर 2 में भारी गाद और कीचड़ की वजह से अंदर जा रही रेस्क्यू टीम को वापस लौटना पड़ा है. ये टीम विशेष कैमरा, स्निफर डॉग के साथ अंदर जाने की कोशिश कर रही थी, ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस ये टीम काफी मशक्कत के बाद 100 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी. इसके बाद इस टीम को वापस लौटना पड़ा. अब मशीनों के जरिए कीचड़ और गाद को साफ किया जा रहा है.
झारखंड सरकार ने चमोली आपदा में फंसे अपने राज्य के निवासियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि है UN आपदा की इस घड़ी में भारत को हर तरह की सहायता करने को तैयार है. एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि अगर भारत को रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी तरह की मदद की जरूरत है तो हम अपने संसाधनों के साथ भारत को मदद करने के लिए तैयार है.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आज रात उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में गुजारेंगे. सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि मैं देहरादून से प्रभावित क्षेत्रों में जा रहा हूं और रात्रि प्रवास करूंगा. राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं और सरकार इसमें कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है. केंद्र की हमें पूरे मदद मिल रही है. मेरा आप सभी से अनुरोध है कि इस हादसे को विकास के खिलाफ प्रॉपगैंडा का कारण ना बनाएं.
चमोली में ग्लेशियर टूटने की बाद के बाद लगभग 30 घंटे हो चुके हैं. लेकिन एनटीपीसी के सुंरग में फंसे लोगों को बचाने की कवायद लगातार जारी है. तपोवन स्थित एनटीपीसी के सुरंग नंबर 2 में फंसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश लगातार की जार ही है. इस सुरंग में एक अनुमान के अनुसार 37 लोग फंसे हैं. उन तक पहुंचने के लिए सुरंग से लगातार मलबा हटाया जा रहा है. रेस्क्यू टीम अबतक इस सुरंग में 100 मीटर अंदर तक प्रवेश कर चुकी है.
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चमोली हादसे को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने ताजा बयान जारी किया है. पुलिस द्वारा ट्वीट किया गया कि कल के हादसे में अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है, वहीं 19 के शव अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए है.
आपको बता दें कि तपोवन टनल में भी लगातार राहत बचाव कार्य चल रहा है. अभी तक 100 मीटर तक टनल की सफाई हुई है, यहां करीब 37 लोगों के फंसे होने की खबर है. आईटीबीपी के मुताबिक, चार बजे तक जेसीबी द्वारा टनल के रास्ते को कुछ हदतक साफ कर दिया जाएगा. जिसके बाद टीमों और स्निफर डॉग को अंदर भेजा जाएगा.
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, कल हुए प्राकृतिक आपदा से हम बहुत हद तक निपट चुके हैं. लगभग 202 लापता लोगों में से लगातार लोग रिपोर्ट कर रहे हैं, तपोवन के छोटे टनल से रेस्क्यू कर 12 लोगों को सही सलामत बचाया गया है, दूसरे टनल के मलबे को निकाला जा रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड को लेकर ट्वीट किया और कहा कि पूरा देश उत्तराखंड के साथ है, इस समय सबसे ज़रूरी है कि आने वाले कुछ दिन राहत कार्य में कोई बाधा ना आए. मैं पूरे दिल से प्रभावितों के साथ हूँ और आपकी सुरक्षा की कामना करता हूं.
तपोवन टनल के पास आईटीबीपी का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, यहां पर अब स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है.
सोमवार सुबह से ही उत्तराखंड में वायुसेना रेसक्यू ऑपरेशन में जुटी है. यहां पर MI और चिनूक की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. इसके अलावा देहरादून से भी जोशीमठ के लिए जवानों को भेजा जा रहा है.
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चमोली के पास रैनी गांव में अब रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है. यहां पर ही ऋषि गंगा प्रोजेक्ट तबाह हुआ है, जहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है.
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उत्तराखंड के हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 15 तक पहुंच गया है. तपोवन में मौजूद टनल में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आर्मी समेत अन्य एजेंसियां लगातार काम में जुटी हुई हैं. पूरी टनल करीब 2 किमी. लंबी है, लेकिन अभी दो सौ मीटर के आसपास ही रास्ता साफ हुआ है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी ITBP की टीम के मुताबिक, एक सुरंग में करीब 30 लोग फंसे हैं. 300 जवानों को टनल साफ करने में लगाया गया है, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि करीब 170 लोग लापता हैं. बीते दिन 12 लोग जो बचाए गए हैं, वो एक दूसरी टनल थी.
सोमवार सुबह एक बार फिर से तपोवन सुरंग के पास रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. यहां बड़ी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मलबे, पत्थर को हटाया जा सके. ऑपरेशन में सेना के इंजीनियर भी लगे हुए हैं. चमोली पुलिस के अनुसार, अभी तक कुल 14 शवों को अलग-अलग स्थानों से बरामद किया गया है. जबकि सुरंग में कुल 15 लोगों का रेस्क्यू किया गया है.
सोमवार सुबह तक पानी का बहाव तो काफी कम हुआ है, लेकिन कुछ स्थानों पर झील जैसी स्थिति बन चुकी है. तपोवन प्रोजेक्ट के पास काफी पानी, मलबा हो गया है. यहां से करीब 16 लोगों को अभी निकाला गया है, लेकिन काफी लोगों को निकाला जाना बाकी है.
ITBP के जवान यहां सुरंग से लोगों को निकालने में जुटे हैं. सुरंग में काफी मलबा और पानी होने के कारण लोगों को निकालने में मुश्किल आ रही है, यही कारण है कि अलग-अलग तरीके से इस मिशन में जुटा गया है. (फोटो क्रेडिट: रितेश मिश्रा)
चमोली से बीते दिन जैसी तस्वीरें आईं, उन्होंने 2013 के खौफनाक मंजर को फिर से उजागर कर दिया. हालांकि, प्रशासन की ओर से इस बार तुरंत रिएक्ट किया गया. सेना, वायुसेना, नौ सेना, NDRF समेत कई एजेंसियां बचाव कार्यों में जुटी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार सीएम से बात की है और हर संभव मदद का भरोसा जताया है.
रविवार को चमोली में जो हादसा हुआ है, अब राज्य से लेकर केंद्र सरकारों का फोकस रेस्क्यू ऑपरेशन पर है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, करीब 10 लोगों के शव मिल चुके हैं. जबकि 100 से अधिक लोगों को तलाश की जा रही है, जो कि प्लांट में काम करते वक्त बह गए. गनीमत की बात ये है कि करीब 16 लोग जो एक टनल में फंस गए थे, उन्हें निकाल लिया गया है. जबकि कुल 25 लोगों को अबतक निकाला गया है.