ओवरस्पीडिंग पर ब्रेक के लिए कहीं सोशल शॉक तो कहीं अमीरी के हिसाब से लगता है जुर्माना!

तेज रफ्तार अब सिर्फ चालान का मामला नहीं रह गया है. दुनिया के कई देशों में ओवरस्पीडिंग को रोकने के लिए जुर्माने से आगे बढ़कर ऐसी सजाएं दी जा रही हैं, जो ड्राइवर को नैतिक सीख देने पर आधारित हैं. कहीं इनकम के हिसाब से लाखों का फाइन है तो कहीं शवगृह में सेवा और कहीं सड़क किनारे शर्मिंदगी का सबक.

Advertisement
तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों के लिए विशेष दंड का प्रावधान है. तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों के लिए विशेष दंड का प्रावधान है.

संदीप कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:17 AM IST

अगर आप भी सड़कों पर गाड़ी तेज रफ्तार में भगाते हैं तो एक बार ये जरूर सोच लें कि ओवरस्पीड का आपका ये जुनून आपके लिए, आपके परिवार के लिए और उन लोगों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है जो आपकी गाड़ी में सवार भी नहीं हैं लेकिन सड़क पर सुरक्षित घर जाने के लिए चल रहे हैं. ये केवल ट्रैफिक नियमों का नहीं, हमारे अनुशासन के लिए भी जरूरी है. इसीलिए दुनियाभर के देश इसे न केवल सजा बल्कि सामाजिक और मनौवैज्ञानिक समस्याओं के रूप में भी देखते हैं. कई देश ओवरस्पीडिंग करने वालों को सोशल शॉक से लेकर मोरल टीचिंग तक की सजाएं देते हैं और अनोखे तरीकों से ये समझाने की कोशिश करते हैं कि शख्स फिर कभी वैसी गलती न दोहराए और सड़क उसपर चलने वाले हर शख्स के लिए सेफ जगह बनती चली जाए.

Advertisement

हर कार या वाहन बनाने वाली कंपनी लॉन्चिंग के समय स्पीड का क्रेज भुनाती है लेकिन क्या ये जुनून वास्तव में प्रैक्टिकल है? स्पीड का ये जुनून, गति का नशा क्षणिक हो सकता है, लेकिन इसका भुगतान जीवन भर करना पड़ता है. कई बार लोग ओवरस्पीडिंग को 'टाइम सेविंग' समझते हैं लेकिन वास्तविकता में ये 'रिस्क मल्टीप्लायर' है. आपके लिए भी और सड़क पर चल रहे हर दूसरे व्यक्ति के लिए. वैसे लोगों को भी ये लापरवाही शिकार बनाती है जो उन गाड़ियों में सवार नहीं होते और सड़कों पर पैदल या साइकिल से जा रहे होते हैं, और उनके परिवारों पर भी ये आपातकालीन आफत लाती है.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक-
-दुनिया में हर मिनट एक व्यक्ति की जान सड़क हादसे में जा रही है.
-सड़कों पर मौतों का यह आंकड़ा भारत में और भी भयावह है.
-इन सड़क हादसों में एक तिहाई मौतें या इंजरी ओवरस्पीडिंग के कारण हो रही हैं.
-हर साल लगभग 11.9 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है.
-सड़क हादसों से जुड़ी इंजरी बच्चों और युवा वयस्कों के लिए मौत का प्रमुख कारण हैं.
-इन सड़क हादसों में अधिकतर कम और मध्यम आय वाले देशों में होती है.
-भले ही हादसे यहां ज्यादा होती हैं, लेकिन इन देशों में वाहनों की संख्या काफी कम है.
-हादसों के शिकार लोगों में प्रमुख हैं- पैदल यात्री, साइकिल चालक, मोटरसाइकिल चालक.

Advertisement

ओवरस्पीडिंग पर भारत में क्या प्रावधान...

सड़कों पर दौड़ती मौत की स्पीड को संभालने के लिए और इस संकट से निपटने के लिए तमाम देशों और शहरों में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ओवरस्पीडिंग पर जुर्माने के साथ-साथ और भी कड़ी सजाओं का प्रावधान है. लेकिन दुनिया के कई देश और शहर ओवरस्पीडिंग को कंट्रोल करने के लिए अनोखे कदमों और सजा के तरीकों को अपना रहे हैं. इसमें कहीं सोशल शॉक तो कहीं सुधार की कोशिशों को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रही हैं. क्योंकि,

पारंपरिक जुर्माने और चालान अब पर्याप्त नहीं हैं. जब ड्राइवर गति सीमा तोड़ते हैं, तो वे केवल नियम ही नहीं तोड़ रहे होते, बल्कि वे अपने और दूसरों के जीवन को भी दांव पर लगा रहे होते हैं. इसलिए इन्हें रोकने के लिए भी अब सरकारें अनोखे, मनोवैज्ञानिक और रचनात्मक दंडों को अपना रही हैं. इनमें सबसे प्रमुख तरीके ये हैं-

-फिनलैंड में ओवरस्पीडिंग करते पकड़े जाने पर चालान आपकी इनकम के हिसाब से कटता है. गरीब व्यक्ति से अलग जुर्माना लेकिन अमीर इंसान के ऐसा ही करने पर 100 या 500 यूरो नहीं, बल्कि 10 लाख रुपये तक का चालान भी काटा जाता है. एक बार एक बड़े एमएनसी के बड़े अफसर का 54 लाख रुपये का चालान कटा था. मतलब जितनी आपकी हैसियत आपकी गलती की सजा उतनी बड़ी, कभी-कभी इतना बड़ा चालान कि घर-गाड़ी तक बिकवा दे.

Advertisement

-स्वीडन में स्पीड कैमरा लॉटरी सिस्टम है. मतलब नियम मानने वाले के लिए इनाम का सिस्टम. जैसे अगर आप स्पीड लिमिट के अंदर गाड़ी चलाते हो, तो आपका नाम एक लॉटरी में डाल दिया जाता है. यह लॉटरी उन्हीं पैसों से चलती है जो स्पीड करने वाले चालान भरते हैं. यानी गलत चलाओगे तो पैसा कटेगा, सही चलाओगे तो पुरस्कार मिलेगा.

-चीन में तो ओवरस्पीडिंग के लिए और भी अलग टाइप की सजा मिलती है. वहां गलती करने वालों को शवगृह यानी मॉर्चरी में जाकर सेवा करनी पड़ती है. चीन के कई शहरों में तेज गाड़ी चलाने पर पुलिस आपको मॉर्चरी में ले जाकर 1–2 घंटे तक सेवा करवाती है. यहां ड्राइवर को दिखाया जाता है कि तेज गाड़ी चलाने का असली नतीजा क्या होता है. कई बार लोग इस सजा के बाद जिंदगी भर ओवरस्पीड नहीं करते.

-यूएई में ओवरस्पीडिंग करने वाली की कार जब्त कर ली जाती है या डेजर्ट पेनल्टी लगाई जाती है. दुबई में ओवरस्पीड या स्टंट ड्राइविंग पर पुलिस आपकी लग्जरी कार 60 दिन तक जब्त कर लेती है. कुछ मामलों में ड्राइवर को रेगिस्तान की सफाई या कम्युनिटी वर्क करना होता है. बार-बार पकड़े जाने वालों की कार कभी-कभी नीलाम भी कर दी जाती है.

Advertisement

-सिंगापुर दुनिया का सबसे सख्त ट्रैफिक कानून वाला देश है. यहां ओवरस्पीड पर भारी फाइन या जेल भी संभव है. कई बार गलती कम होने पर पब्लिक सर्विस की सजा भी सुनाई जाती है जैसे रोड क्लीनिंग. अगर लगातार गलती करने से रिकॉर्ड खराब हुआ तो लाइसेंस रद्द होने में देर नहीं लगती.

-अमेरिका के कुछ राज्यों में ओवरस्पीडिंग करने वालों को 'Idiots Sign' पहनाकर सड़क पर खड़ा कर दिया जाता है. अमेरिका के कुछ राज्यों में जजों ने क्रिएटिव सजाएं दीं. जैसे ओवरस्पीडिंग करने वाले एक शख्स को सड़क किनारे एक बोर्ड पहनाकर खड़ा होना पड़ा, जिसपर लिखा था- I am a reckless driver. कुछ जगहों पर ऐसा करने वालों को डेड बॉडी की फोटो देखने की काउंसलिंग कराई जाती है. यह शर्मिंदगी वाली सजा लोगों को जल्दी सबक सिखाने के लिए दी जाती है.

-ताइवान में एक ओवरस्पीडिंग केस में एक शख्स को सजा मिली मां को माफीनाम लिखने की. उसे 100 बार लिखना था- 'मैंने अपनी मां की बात नहीं मानी और तेजी से गाड़ी चलाई.'
जज ने कहा- भविष्य में याद रहेगा!

-ओवरस्पीडिंग पर सजा में सबसे अनोखा प्रयोग एस्टोनिया में किया गया है. वहां परंपरागत जुर्माने के अलावा कई तरह की सजाएं मिलती हैं. वो है- cooling-off. एस्टोनिया में ओवरस्पीडिंग का जुर्माना इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने किमी/घंटा लिमिट से ज़्यादा चले थे. उदाहरण के लिए- 20 km/h तक सीमित ओवरस्पीड पर सामान्य जुर्माना हो सकता है. 21–40, 41–60, 60+ km/h से ज़्यादा पर जुर्माना + लाइसेंस सस्पेंशन या ड्राइविंग राइट प्रतिबंध हो सकता है. इस साल, एस्टोनिया ने स्पीडिंग चालानों की राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी.

Advertisement

Cooling-Off सजा की अगर बात करें तो ये एक अलग तरह की सजा का विकल्प है. अगर आपको स्पीडिंग में पकड़ा गया तो पुलिस आपको फाइन देने के बजाय 45 मिनट cooling-off यानी शांत होने का विकल्प देती है. अर्थात् आप जुर्माना नहीं भर कर, 45 मिनट के लिए वहीं एक जगह या पुलिस थाने पर रुककर इंतजार करने का विकल्प चुन सकते हैं.

ये विकल्प ज्यादातर उन मामलों में दिया जाता है जहां स्पीड लिमिट बस थोड़ी ज्यादा हुई हो और सुधरने का भरोसा दिलाते हैं. इस सजा से गाड़ी चला रहे शख्स को एक जगह इंतजार करने, धैर्य विकसित करने और ये सोचने का समय मिलता है कि ओवरस्पीडिंग से आप जल्दी नहीं देर से पहुंचते हैं अपनी मंजिल पर.

सजा और इस तरह के सारे कदम जरूरी है ताकि ओवरस्पीडिंग रोककर सड़क हादसों को कम किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी साल 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और इंजरी के आंकड़ों को आधा करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement