भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंक और धर्म को लेकर अपना मौजूदा रवैया बदले तो दक्षिण एशिया में शांति बहाल करने की कोशिश की जा सकती है. 'कल्चर ऑफ पीस' पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत में अलग-अलग धर्म के लोगों के खिलाफ अपनी मौजूदा नफरत की संस्कृति और सीमा पार से आतंक का समर्थन बंद करे तो हम दक्षिण एशिया में शांति की संस्कृति बहाल करने की पहल कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, आखिर कबतक हम लोग पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हत्या, जबरन धर्म परिवर्तन और उनपर हो रहे अत्याचार के मूक दर्शक बने रहेंगे? हालात ये हैं कि पाकिस्तान में हो रही सांप्रदायिक हत्याओं के चलते समान धर्म के लोगों की भी जान जा रही है.यूएन में शर्मा ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि पिछले साल शांति कायम करने के लिए सभा में पेश किए गए प्रस्ताव का उल्लंघन पाकिस्तान पहले ही कर चुका है.
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन में पाकिस्तान के तरफ से किए गए बदलाव को लेकर भारत ने सवाल खड़े किए. भारत ने कहा कि पिछले महीने पाकिस्तान ने सिखों के पवित्र धर्मस्थल के प्रबंधन का जिम्मा जबरदस्ती गैर सिख समुदाय के हवाले कर दिया. यह सिख धर्म और उसकी सुरक्षा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पिछले प्रस्ताव में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का जिक्र है और पाकिस्तान ने पहले ही इस प्रस्ताव का उल्लंघन कर चुका है.
गौरतलब है कि हाल ही में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन और रखरखाव का जिम्मा पाकिस्तान ने गैर सिख संस्था को दे दिया था. इसको लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी.
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