टीआरपी स्कैम: मुंबई पुलिस का SC में हलफनामा- फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर जांच नहीं रोक सकते

मुंबई पुलिस ने अपने हलफनामे में इस याचिका को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया, साथ ही इसे जुर्माने के साथ खारिज करने की मांग की.

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सुप्रीम कोर्ट में होनी है केस की सुनवाई (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट में होनी है केस की सुनवाई (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST
  • टीआरपी स्कैम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
  • मुंबई पुलिस ने दाखिल किया अपना हलफनामा

मुंबई पुलिस द्वारा बीते दिनों किए गए टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले के खुलासे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अब रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा है. अब इस मामले की सुनवाई पहले हाईकोर्ट में होगी. 

अदालत में सुनवाई से पहले मुंबई पुलिस की ओर से हलफनामा दायर किया गया है. जिसमें रिपब्लिक टीवी द्वारा दाखिल याचिका का विरोध किया गया है. 

मुंबई पुलिस ने अपने हलफनामे में इस याचिका को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया, साथ ही इसे जुर्माने के साथ खारिज करने की मांग की. हलफनामे में कहा गया है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर किसी अपराध में आरोपी इस तरह एजेंसी के काम में अड़चन नहीं डाल सकता है. 

इसके अलावा मुंबई पुलिस ने कहा है कि आरोपी ये तय नहीं कर सकता है कि किसी केस में जांच किस तरह होगी. मुंबई पुलिस का दावा है कि टीआरपी स्कैम की जांच में अन्य चैनल सहयोग कर रहे हैं, सिर्फ एक चैनल को ही दिक्कत हो रही है. अपने हलफनामे में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की आधिकारिक प्रेस रिलीज़ को भी लगाया है. 

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मुंबई पुलिस का कहना है कि अभी केस की जांच शुरुआती दौर में है, ऐसे में शुरू में ही इसे सीबीआई को नहीं सौंपा जा सकता है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने फैसलों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि असाधारण मामलों में ही सीबीआई की जांच होनी चाहिए. 

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीआरपी स्कैम का खुलासा किया था. मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि कुछ चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीद रहे हैं, जो कि कन्ज्यूमर और एड देने वालों से धोखा है.

इस केस में रिपब्लिक टीवी के अलावा दो अन्य मराठी चैनल का नाम सामने आया था. मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो मराठी चैनलों के मालिकों को हिरासत में लिया था, जबकि रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था.  

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