5 सितंबर को भारत-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग परिवहन की शुरुआत, द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा

भारत और बांग्लादेश के बीच जलीय परिवहन शुरू करने पर दोनों देश सहमत हुए हैं. दोनों देशों के पोत निर्धारित रूट के बीच चलेंगे. इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के व्यापारी भी लाभान्वित होंगे.

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भारतीय कार्गो शिप (फाइल फोटो) भारतीय कार्गो शिप (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • अगरतला,
  • 31 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST
  • बांग्लादेश से त्रिपुरा आएगा 50 मीट्रिक टन सीमेंट
  • जल मार्ग से सामान ढोने में आसानी
  • गोमती नदी से होगा परिवहन

भारत और बांग्लादेश के बीच जल परिवहन की शुरुआत 5 सितंबर से होगी. 5 सितंबर को केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया बांग्लादेश के दाउदकंदी से आने वाले 50 मीट्रिक टन सीमेंट की खेप को रिसीव करेंगे. ये खेप त्रिपुरा के सोनमूरा में आएंगे. 

बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच दोनों देश जलीय परिवहन शुरू करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देशों के पोत निर्धारित रूट के बीच चलेंगे. इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के व्यापारी भी लाभान्वित होंगे. 

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बता दें कि जलमार्ग परविहन का सस्ता और सुगम माध्यम है. इसमें खर्च कम होता है और रखरखाव की लागत भी कम आती है. दोनों देशों के बीच बांग्लादेश के कोमिल्ला से भारत के त्रिपुरा राज्य के बीच जलमार्ग परिवहन शुरू किया जाएगा. 90 किलोमीटर लंबे इस रूट से 5 सितंबर को इस रूट पर ट्रायल के तहत बांग्लादेश से 50 टन सीमेंट भारत आएगा.

5 सितंबर को त्रिपुरा के मुख्यमंत्र बिप्लब कुमार देब भी मौजूद रहेंगे. 25 अगस्त को त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव ने भी कहा था कि सितंबर के पहले सप्ताह में इस रूट पर ट्रायल रन होगा. इस दौरान 50 मीट्रिक टन सीमेंट को बांग्लादेश से भारत लाया जाएगा. तब उन्होंने कहा था कि ये पहला मौका है जब बांग्लादेश से कोई भी सामान पोत के जरिए त्रिपुरा पहुंचेगा. 

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बता दें कि इस ट्रायल रन के लिए जलीय परिवहन मंत्रालय ने बांग्लादेश के कोमिल्ला जिले में स्थित दाउदकंदी से त्रिपुरा के सोनमुरा तक पोत चलाने की अनुमति दे दी है. 

 

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