युद्ध या बातचीत से निकलेगा हल... दक्षिण एशिया में तनाव, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब आगे क्या? जानें क्या कहते हैं ग्लोबल थिंक टैंक

सीएनएन के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन, यूएई और जापान की चिंता बढ़ रही है और वे स्थिति पर करीबी नज़र रख रहे हैं. भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस जैसे अपने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को ब्रीफ किया है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव को संतुलित किया जा सके.

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब आगे क्या  ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब आगे क्या

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:31 PM IST

भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल कार्रवाई के बाद दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ गया है, लेकिन जानकारों के मुताबिक फिलहाल बड़े युद्ध की संभावना कम है. ग्लोबल थिंक टैंक और विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान पर प्रतिक्रिया का दबाव है, पर वह अंतरराष्ट्रीय दबाव और युद्ध के खतरे को देखते हुए संयम बरतेगा. अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियां दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं. आने वाले कुछ घंटे इस संकट की दिशा तय करेंगे कि क्या हालात बिगड़ेंगे या बातचीत से हल निकलेगा.

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पाकिस्तान को युद्ध और अंतरराष्ट्रीय जांच का डर

अटलांटिक काउंसिल के साउथ एशिया सेंटर के अनुसार, भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने वाली कार्रवाई के बाद संघर्ष के और अधिक बढ़ने की संभावना कम है. पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई का दबाव तो है, लेकिन उसे युद्ध और अंतरराष्ट्रीय जांच का डर भी है. नियंत्रण रेखा (LoC) पर कम तीव्रता वाली झड़पें जवाबी कार्रवाई के रूप में जारी रह सकती हैं, लेकिन यह पूर्ण युद्ध में नहीं बदलेंगी. अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र जैसे माध्यमों के जरिए कूटनीतिक प्रयास सक्रिय हैं, जिससे तनाव और न बढ़े.

तनाव घटाने की अपील कर रहे ग्लोबल लीडर्स

लोवी इंस्टीट्यूट के The Interpreter के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूएई जैसे ग्लोबल लीडर्स ने भारत और पाकिस्तान से तनाव घटाने और सैन्य टकराव से बचने की अपील की है. पाकिस्तान ने भारतीय हमले को 'युद्ध की कार्रवाई' बताया है और कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है. अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, लेकिन स्थिति अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी. आने वाले कुछ घंटे इस बात के लिए बेहद अहम हैं कि यह संकट बढ़ेगा या शांत होगा.

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हालात पर करीब से नजर रख रहे देश

वहीं फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि नई दिल्ली को खुफिया जानकारी मिली थी कि और आतंकी हमले होने वाले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि भारत भविष्य में और प्री-एम्प्टिव (पूर्व-सावधानीपूर्ण) हमले कर सकता है. पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता अहमद चौधरी ने समय और जगह चुनकर जवाब देने की बात कही है, जिससे भविष्य में तनाव बढ़ने का खतरा है. अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों देशों को आगे सैन्य कार्रवाई से रोक सकता है.

सीएनएन के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन, यूएई और जापान की चिंता बढ़ रही है और वे स्थिति पर करीबी नज़र रख रहे हैं. भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस जैसे अपने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को ब्रीफ किया है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव को संतुलित किया जा सके.

पीछे हट सकते हैं दोनों देश

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं, जिससे तनाव कभी भी बढ़ सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान जवाब में कितनी दूर जाएगा. 2019 के पुलवामा संकट की तरह यह मुमकिन है कि दोनों देश एक बार फिर झड़प के बाद पीछे हट जाएं और आंतरिक राजनीति के लिए इसे जीत के तौर पर पेश करें. इस बार बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत का हमला केवल एक संदेश देने के लिए था और क्या पाकिस्तान अपने चरमपंथी गुटों को नियंत्रित करते हुए जवाब दे पाएगा.

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