तेलंगाना सरकार के ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) ने दो कफ सिरप- 'रेलाइफ और 'रेस्पीफ्रेश टीआर कफ सिरप' को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया है. इन दोनों सिरपों में तय मानकों से ज्यादा डाईएथलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक अत्यंत विषैले पदार्थ पाया गया है जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार के ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी, भोपाल ने हाल ही में इन सिरप्स के सैंपल की जांच की, जिसमें तय मात्रा से कहीं अधिक डाईएथलीन ग्लाइकॉल पाया गया. ये केमिकल किडनी फेलियर, श्वसन संबंधी समस्याओं और यहां तक कि मौत का कारण बन सकता है. ये वही केमिकल है जो कोल्ड्रिक कफ सिरप में मिला था. ये दोनों सिरप गुजरात में बनाए गए हैं.
इन सिरपों पर लगाया बैन
इसी के परिणाम स्वरूप मध्य प्रदेश सरकार ने गुजरात के ड्रग कंट्रोल विभाग को अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद तेलंगाना DCA ने तुरंत कार्रवाई की. आजतक ने इस मामले को एक्सक्लूसिव रूप से कवर किया था, जिसमें मिलावट की आशंका जताई गई थी.
तेलंगाना DCA जारी किया टोल फ्री नंबर
तेलंगाना DCA ने जनता से अपील की है कि इन सिरप्स का इस्तेमाल तत्काल बंद कर दें. यदि आपके पास ये उत्पाद हैं तो इन्हें तुरंत नष्ट कर दें. किसी भी नुकसान या स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में टोल-फ्री नंबर 1800-599-6690 पर संपर्क करें जो वर्किंग डेज में सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक सक्रिय रहेगा.
डिस्ट्रीब्यूटर्स और अस्पतालों को निर्देश
DCA ने राज्य भर के सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स, असिस्टेंट डायरेक्टर्स, रिटेलर्स, थोक व्यापारी, डिस्ट्रीब्यूटर्स और अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इन बैचों के स्टॉक को जब्त करें और किसी भी सर्कल में बिक्री या वितरण न करें. DCA निगरानी रख रहा है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य को कोई जोखिम न हो.
इन सिरप का न करें इस्तेमाल
तेलंगाना DCA के डायरेक्टर जनरल शाहनवाज कासिम, आईपीएस ने कहा, 'ये उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचें ताकि किसी संभावित स्वास्थ्य खतरे से बचा जा सके.'
डाईएथलीन ग्लाइकॉल एक औद्योगिक केमिकल है, जो कभी-कभी सस्ते ग्लाइकॉल की जगह सिरप्स में मिलाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ये विषाक्त पदार्थ बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है. भारत में पहले भी कई मामलों में इस मिलावट से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं.
रवीश पाल सिंह