तमिलनाडुः CM स्टालिन ने केंद्र को लिखी चिट्ठी, कहा- राज्य को मिले उसके हिस्से का पानी

कावेरी डेल्टा क्षेत्र का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि हम अपने कृषि उत्पादन के लिए काफी हद तक उन पर निर्भर हैं. इस साल, हमारे डेल्टा किसान कुरुवई और सांबा फसलों की खेती शुरू करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

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तमिलनाडु के सीएम ने फसल के लिए अपने हिस्से का कावेरी जल छोड़ने की मांग की (सांकेतिक-पीटीआई) तमिलनाडु के सीएम ने फसल के लिए अपने हिस्से का कावेरी जल छोड़ने की मांग की (सांकेतिक-पीटीआई)

अक्षया नाथ

  • चेन्नई,
  • 12 जून 2021,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST
  • 'तमिलनाडु को जून में 9.19 टीएमसी पानी मिलना था'
  • 'कावेरी डेल्टा क्षेत्र को मॉनसून से फायदा नहीं मिला'
  • पानी की कमी से खेती शुरू करने पर असर पड़ेगाः CM

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को सलाह देने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मासिक कार्यक्रम के अनुसार पानी की प्राप्ति सुनिश्चित की जाए. आदेश के मुताबिक, तमिलनाडु को जून में 9.19 टीएमसी और जुलाई में 31.24 टीएमसी पानी मिलना था.

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उन्होंने कहा कि चूंकि कावेरी डेल्टा क्षेत्र को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से ज्यादा फायदा नहीं हुआ, इसलिए कुरुवई की फसल जलाशय से लगातार पानी छोड़े जाने पर निर्भर थी. सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि शेड्यूल के अनुसार पानी छोड़ने में किसी भी तरह की कमी खड़ी फसल को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी और साथ ही अगले महीने से सांबा की खेती शुरू करने और जारी रखने पर भी असर डालेगी.

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कावेरी डेल्टा क्षेत्र का शुक्रवार को दौरा करने वाले मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि यह क्षेत्र तमिलनाडु के लिए "चावल का कटोरा" था और मेट्टूर में स्टेनली जलाशय डेल्टा की जीवन रेखा है. उन्होंने कहा कि हम अपने कृषि उत्पादन के लिए काफी हद तक उन पर निर्भर हैं. इस साल, हमारे डेल्टा किसान कुरुवई और सांबा फसलों की खेती शुरू करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

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सीएम स्टालिन ने शुक्रवार को तंजावुर के ग्रैंड एनीकट में आधुनिकीकरण कार्य और तंजावुर और त्रिची में नहरों की सफाई का निरीक्षण किया था. स्टालिन ने जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन के साथ ग्रैंड एनीकट में 1,036 करोड़ रुपये के नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण किया, जिसे पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान फरवरी में शुरू किया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी.

 

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