रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम (Asaram) के बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) की फरलो पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है. नारायण साईं को गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने 14 दिन की फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.
गुजरात हाईकोर्ट ने जून में नारायण साईं को 14 दिन की फरलो (Furlough) पर रिहा करने का आदेश दिया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले में गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) पेश हुए थे. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.
बता दें कि फरलो और पैरोल में अंतर होता है. फरलो 14 दिन के लिए ही मंजूर की जाती है, जबकि पैरोल की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है.
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2013 से जेल में बंद है नारायण साईं
2013 में सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं ने उनके साथ बलात्कार किया. दोनों बहनों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2002 और 2005 में बाप-बेटे ने उनके साथ कई बार रेप किए. शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने नारायण को दिसंबर 2013 में गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं, आसाराम को 2018 में जोधपुर की एक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
दिसंबर 2020 में जेल से बाहर आया था नारायण साईं
सूरत की लाजपोर जेल में बंद नारायण साईं पिछले साल दिसंबर में 14 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आया था. गुजरात हाईकोर्ट ने उसे मां की तबीयत खराब होने की वजह से फरलो मंजूर की थी.
अनीषा माथुर / संजय शर्मा