लव जिहाद और गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन के खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में बने कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अब अगले साल 28 जनवरी को सुनवाई करेगा.
SC ने राज्यों को जवाब दाखिल करने को कहा
चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में एक बार फिर राज्यों से अपना जवाब दाखिल करने को आगाह किया है. क्योंकि इस मामले में पहले भी कोर्ट ने राज्यों को तीन हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिकाओं में कहा गया है कि ये कानून अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले युगलों को परेशान करने का जरिया बन गए हैं. इनकी आड़ में किसी को धर्मांतरण के आरोप में फंसाया जा सकता है.
किसने दाखिल की याचिका?
जमीयत उलेमा ए हिंद और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस जैसे संगठन याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं. अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक ने भी इन कानूनों के समर्थन में याचिका दाखिल की है. उनकी याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिलहाल टल गई है.
संजय शर्मा