कमेटी के गठन पर सवाल उठाए जाने से SC खफा, कहा- पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकते

सुनवाई के दौरान कमेटी के गठन पर कुछ किसान संगठनों की ओर से सवाल उठाए जाने से सुप्रीम कोर्ट खफा दिखा. मामले पर CJI एसए बोबडे ने कहा कि अगर व्यक्ति किसी मामले में अपनी एक राय रखता है तो इसका मतलब क्या? कभी-कभी जज भी राय रखते हैं, लेकिन सुनवाई के दौरान वो अपनी राय बदलकर फैसला देते हैं.

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सुप्रीम कोर्ट (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट (पीटीआई)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST
  • 'अगर कोई किसी मामले में अपनी राय रखता है तो मतलब क्या?'
  • कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते तो हम बाध्य नहीं करेंगेः SC
  • सुप्रीम कोर्ट का ट्रैक्टर रैली को लेकर फैसला सुनाने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट में किसानों के ट्रैक्टर रैली को लेकर दाखिल दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तो देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि ये मामला पुलिस का है. हम इस मामले में कोई आदेश नही देंगे. साथ ही कमेटी के गठन पर कुछ किसान संगठनों की ओर से सवाल उठाए जाने से कोर्ट खफा दिखा.

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सुनवाई के दौरान कमेटी के गठन पर कुछ किसान संगठनों की ओर से सवाल उठाए जाने से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी दिखाई. मामले पर CJI एसए बोबडे ने कहा कि अगर व्यक्ति किसी मामले में अपनी एक राय रखता है तो इसका मतलब क्या? कभी-कभी जज भी राय रखते हैं, लेकिन सुनवाई के दौरान वो अपनी राय बदलकर फैसला देते हैं. कमेटी के पास कोई अधिकार नहीं है. तो आप कमेटी पर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकते. CJI ने कहा कि अगर आप कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते तो हम आपको बाध्य नहीं करेंगे.

छवि खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नहीं करेगाः CJI

कमेटी को लेकर हर जगह हो रही चर्चा पर CJI ने कहा कि इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है. आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना मत हों, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करें. CJI ने आगे कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नहीं करेगा.

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CJI ने कहा कि कमेटी के सदस्यों को लेकर चर्चा की जा रही है. हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे. आपकी अर्जी में है कि कमेटी के सारे सदस्यों को बदला जाए. 

न्यूज पेपर की रिपोर्ट पर CJI एसए बोबडे ने पूछा कि क्या वहां लिखा हुआ है कि वो इस विषय (कृषि) के बारे में नहीं जानते. कोर्ट ने अगर किसी की नियुक्ति की है और उसको लेकर इस तरह की चर्चा सही नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि फिर भी हम आपकी अर्जी पर नोटिस जारी करते हैं.

कृषि कानून के समर्थक याचिकाकर्ता के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि आप अपने आदेश में ये साफ कीजिए कि ये कमेटी कोर्ट ने अपने लिए बनाई है अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश भी नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में देगी. किसानों के एक संगठन भारतीय किसान यूनियन (भानु) की ओर से केस लड़ रहे एपी सिंह ने कहा कि कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व रिटायर्ड जज को शामिल किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कमेटी की नियुक्ति का उद्देश्य साफ है. कमेटी का उद्देश्य सभी पक्षों को सुनना था. कमेटी कोई फैसला नहीं ले सकती. कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में देगी.

पूर्व जज को शामिल किए जाने की मांग पर CJI ने कहा कि एक सदस्य मान (भूपिंदर सिंह मान) ने इस्तीफा दे दिया है. एक जगह खाली है. एक अर्जी दाखिल हुई है जिसमें खाली जगह को भरने की मांग की गई है, इसको लेकर हम नोटिस जारी करते हैं.

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हम कोई आदेश नहीं देंगेः CJI
किसानों की ट्रैक्टर परेड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि कोर्ट मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करे. इस पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एसए बोबडे ने SG से कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि ये मामला पुलिस का है. इस मामले में कोई आदेश नही देंगे. बतौर अथॉरिटी आप ही आदेश जारी करें.

इस पर अटार्नी जनरल (AG) केके वेणुगोपाल ने कहा कि आप अर्जी को लंबित रखें. CJI ने कहा कि नहीं, आप अपनी अर्जी को वापस लें. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी वापस लेने का आदेश दिया.

इस बीच चीफ जस्टिस बोबडे ने आज बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम ट्रैक्टर रैली को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाएंगे. कोर्ट किसी रैली को रोके ये बिल्कुल ठीक नहीं होगा. ऐसे में दिल्ली पुलिस को ही इस पर फैसला लेना चाहिए.

लोहड़ी के दिन कृषि कानूनों की प्रति जलाते किसान (पीटीआई)

एक किसान यूनियन ने कोर्ट में बहस कर कमेटी के सदस्यों के बारे में पक्ष रखना चाहा तो CJI बोबडे ने कहा कि दुष्यंत दवे के मुव्वकिल ने कमेटी के बनने से पहले ही कमेटी के सामने नहीं जाने का फैसला किया था. आप कौन हैं? SG ने कहा कि दवे किस यूनियन की तरफ से पेश हो रहे हैं.

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ये सही नहींः CJI 
प्रशांत भूषण ने कहा कि दुष्यंत दवे 8 किसान यूनियन की तरफ से पेश हो रहे हैं. इस पर दवे ने कहा कि किसान महापंचायत प्रदर्शनकारी यूनियन में से नहीं है. प्रशांत भूषण ने कहा कि यूनियन का कहना है कि हम कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे.

CJI ने दवे से पूछा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि आप आदेश जारी न करें हम पूछ कर बताएंगे. इस पर दवे ने कहा कि हम अगले दिन पेश नहीं हुए थे जिस दिन आदेश पारित हुए थे. तो CJI ने कहा कि ये सही नहीं है.

CJI बोबडे ने कहा कि आपको पेश होना चहिए. अगर कोई मामला आदेश के लिए लिस्टेड है तो पार्टी पेश नहीं होगी? आप क्या कर रहे हैं?

दवे ने कोर्ट से कहा, हमें लगा कि आदेश सुनाने के लिए मामला लिस्टेड था इसलिए पेश नहीं हुए थे.

प्रशांत भूषण ने फिर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि किसान संगठन जिनकी तरफ से हम पेश हो रहे हैं वो कमिटी के समक्ष पेश नहीं होंगे. किसान महापंचायत की तरफ से बहस शुरू हुई. भूपिंदर सिंह मान के कमेटी से हटने के बारे में बताया गया और कमेटी पर सवाल उठाया.

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