SC का केंद्र सरकार को आदेश- बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर जल्द लें फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो 25 जनवरी तक बलवंत सिंह राजोआना के मौत की सजा के खिलाफ दाखिल दया याचिका के संबंध में राष्ट्रपति को सिफारिशें सौंपने पर फैसला करे.

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बलवंत सिंह राजोआना (फाइल फोटो) बलवंत सिंह राजोआना (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST
  • बलवंत सिंह ने पूर्व CM बेअंत सिंह की हत्या की थी
  • हाई कोर्ट ने बलवंत सिंह को दी है फांसी की सजा
  • बलवंत की दया याचिका पर 8 साल से फैसला नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो 25 जनवरी तक बलवंत सिंह राजोआना के मौत की सजा के खिलाफ दाखिल दया याचिका के संबंध में राष्ट्रपति को सिफारिशें सौंपने पर फैसला करे. बलवंत सिंह की ओर से पेश वकील मुकल रोहतगी ने कहा कि दया याचिका पिछले 8 साल से लंबित है, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. 

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इस मामले पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी. आपको बता दें कि बलवंत सिंह राजोआना को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में हाईकोर्ट से फांसी की सजा हो चुकी है. राजोआना ने हाईकोर्ट के आदेश को अब तक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है. हां, राष्ट्रपति के पास दया याचिका ज़रूर लगाई है.

25 साल से कैद में रह रहे बलवंत सिंह राजोआना को 15 साल पहले फांसी को सजा सुनाई गई थी. आठ साल पहले उसने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई, लेकिन अब तक उसकी जीवन दान की अर्जी पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि 26 जनवरी तक इस याचिका का निपटारा हो.

राष्ट्रपति के यहां से दया याचिका केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए संबन्धित राज्य तक जाती है और उनकी टिप्पणियों के साथ वापस जाती है. फिर राष्ट्रपति अपने विशिष्ट संवैधानिक अधिकार के तहत अपना फैसला देते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने कहा कि हम राष्ट्रपति को निर्णय लेने का निर्देश नहीं दे सकते हैं.

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इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इस मामले में फैसला करने जा रहे हैं. इस पर सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि 26 जनवरी से पहले निर्णय लेना आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. वहीं, मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह अब किया जा सकता है क्योंकि गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं आ रहा है. उनके पास फैसला लेने का समय है.

 

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