यूक्रेन से लौटे छात्र ने सुनाई भयावह दास्तान, कहा- यहीं पढ़ूंगा, लेकिन विदेश नहीं जाऊंगा

मेडिकल के छात्र शिवपाल ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया कि वह आगे की पढ़ाई यही कराए ताकि उसे फिर से यूक्रेन नहीं जाना पड़े. शिवपाल के पिता चंद्रभान रिटायर्ड फौजी हैं और उन्होंने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार का आभार जताया.

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यूक्रेन से लौटा छात्र अब नहीं जाना चाहता विदेश यूक्रेन से लौटा छात्र अब नहीं जाना चाहता विदेश

उमेश मिश्रा

  • धौलपुर,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST
  • यूक्रेन से धौलपुर लौटे छात्र ने सुनाई भयावह दास्तान
  • छात्र ने कहा, यहीं पढ़ाई का इंतजाम करे सरकार, नहीं जाउंगा विदेश

बीते एक हफ्ते से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है जिसकी वजह से वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारत के हजारों बच्चे फंसे हुए हैं और अपने देश लौटने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं.

इस बीच राजस्थान के धौलपुर लौटे  एमबीबीएस के छात्र शिवपाल ने बताया कि वहां कैसा भयावह माहौल है. छात्र ने इच्छा जताई की उसकी मेडिकल की आगे की पढ़ाई अगर यहीं हो जाए तो वो अब कभी यूक्रेन नहीं जाएगा.

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शिवपाल के घर लौटने के बाद उसके घर में जश्न जैसा माहौल है. शिवपाल ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत ही गंभीर हो गए है और वहां पर लगातार बमबारी हो रही है. ऐसे में वहां से बॉर्डर तक पहुंचना काफी मुसीबतों भरा हैं. शिवपाल ने बताया कि 30 किलोमीटर पैदल चल कर वह बॉर्डर तक पहुंचा. 

कुछ स्टूडेंट वतन वापिसी कर चुके हैं और काफी छात्र बॉर्डर पर मौजूद हैं और भारतीय उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं. युद्ध की परिस्थिति में यूक्रेन  में छात्रों को स्थानीय सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है.

छात्र शिवपाल ने कहा कि मेरी सकुशल घर वापसी के लिए भारत सरकार और राजस्थान सरकार को धन्यवाद देता हूं. हमारी बहुत सहायता की और बॉर्डर से मुंबई लाया गया. राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने हमारी सहायता की और मेरे घर तक के सफर की पूरी जिम्मेदारी निभाई. 

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छात्र शिवपाल ने बताया कि वहां पर खाने-पीने की व्यवस्था नहीं थी. हमें कई रात यूक्रेन के अंदर ही परेशान होना पड़ा हैं और वहां की सरकार ने जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया. बॉर्डर पर दो रात रुके और तीसरे दिन बॉर्डर पार कराया गया.

धौलपुर शहर के जिरौली के रहने वाले रिटायर्ड फौजी चंद्रभान के बेटे शिवपाल यूक्रेन में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र है. शिवपाल के मुताबिक बॉर्डर पर छात्रों की काफी भीड़ है.

वहीं बॉर्डर पर एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए बस का इंतजाम किया गया जिसका कोई भी किराया नहीं लिया गया. उसके बाद एयरपोर्ट से फ्लाइट से मुंबई तक आने पर भी कोई किराया नही लिया गया.

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