आंध्र प्रदेश में YSRCP सरकार के दौरान हुए बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को बड़ी सफलता मिली है. इस घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप हैं और अब जांच तेजी से YSRCP के वरिष्ठ नेताओं की ओर बढ़ रही है.
SIT ने अब हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक फार्महाउस पर छापेमारी कर 11 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है. इस मामले में A-40 के रूप में सूचीबद्ध आरोपी वरुण पुरुषोत्तम ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है और जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
इसी जानकारी के आधार पर SIT ने हैदराबाद के पास शमशाबाद मंडल के कचारम में सुलोचना फार्म गेस्टहाउस पर छापेमारी की. इस छापेमारी में 12 कार्डबोर्ड बॉक्स में छिपाई गई 11 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है.
YSRCP शासनकाल में हुआ था घोटाला
SIT की जांच के अनुसार ये घोटाला 2019 से 2024 के बीच YSRCP शासनकाल के दौरान हुआ, जिसमें लगभग 3,500 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का अनुमान है. इस घोटाले में आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (APSBCL) के संचालन में हेराफेरी कर चयनित शराब ब्रांडों को फायदा पहुंचाया गया.
ऑर्डर फॉर सप्लाई (OFS) सिस्टम को हटाकर मैनुअल प्रक्रिया लागू की गई, जिससे कुछ नए और कम-चर्चित ब्रांडों को अनुचित लाभ दिया गया, जबकि प्रसिद्ध ब्रांडों को बाजार से हटाया गया.
SIT का दावा है कि इस घोटाले में हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई जो शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क के जरिए YSRCP नेताओं तक पहुंचाई गई थी.
अब तक 12 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में SIT ने अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें YSRCP सांसद पी.वी. मिधुन रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के पूर्व आईटी सलाहकार केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी, मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव के. धनुंजय रेड्डी, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) कृष्ण मोहन रेड्डी और भारत सीमेंट्स के निदेशक बालाजी गोविंदप्पा शामिल हैं.
जांच में पता चला है कि इस घोटाले से प्राप्त 200-300 करोड़ रुपये का उपयोग YSRCP ने 2024 के चुनावों में प्रचार और मतदाताओं को नकद वितरण के लिए किया.
प्रारंभिक चार्जशीट दाखिल
इसके अलावा SIT ने 19 जुलाई 2025 को विजयवाड़ा की एक अदालत में 305 पजों का प्रारंभिक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी को रिश्वत प्राप्त करने वाला बताया गया है. हालांकि, उन्हें अभी तक औपचारिक रूप से इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है.
बड़े नाम आ सकते हैं सामने
वहीं, एसआईटी ने हाल के दिनों में इस मामले में अपनी जांच तेज कर दी है और माना जा रहा है कि उसने YSRCP के वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता के बारे में अहम जानकारी जुटा ली है.
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जल्द ही कई हाई-प्रोफाइल नाम सामने आ सकते हैं, क्योंकि एसआईटी के पास ठोस सबूत हैं.
अपूर्वा जयचंद्रन