मोदी को यूं ही Most Dependable Friend नहीं बताते थे शिंजो आबे

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे नहीं रहे. उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतरीन केमिस्ट्री रही है. मोदी और आबे की दोस्ती वर्ल्ड पॉलिटिक्स में सुर्खियां बटोरती रही हैं. दोनों ही राजनेताओं में कई समानताएं हैं.

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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • टोक्यो,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST
  • जापान में चुनावी भाषण के दौरान आबे को मारी गई गोली
  • पीएम मोदी और आबे की दिखी थी शानदार केमिस्ट्री

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे नहीं रहे. नारा शहर में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को एक हमलावर ने उन्हें गोली मार दी थी. आबे पर हुए इस हमले से पूरी दुनिया हैरान है. शिंजो आबे उन चुनिंदा विदेशी राजनेताओं में से एक हैं, जिनकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतरीन केमिस्ट्री रही है. मोदी और आबे की दोस्ती वर्ल्ड पॉलिटिक्स में सुर्खियां बटोरती रही हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था में जापानी निवेश का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है लेकिन आबे और मोदी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच रिश्तों ने ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया, यह कहना गलत नहीं होगा. 

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आबे और मोदी में क्या समानता 
यह दोनों राजनेताओं की आपसी केमिस्ट्री का ही नतीजा था कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से मोदी और आबे की लीडरशिप में कई अहम आर्थिक और सामरिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए. देखा जाए तो मोदी और आबे में कई समानताएं भी हें. मसलन सॉफ्ट नेशनलिज्म वाली इमेज वाले दोनों नेता शक्तिशाली जनादेश के साथ सरकार में आए और डेवलपमेंट समेत विभिन्न मुद्दों पर अहम फैसलों के लिए जाने जाते हैं. इकॉनमी और विकास पर जोर देने वाले इन नेताओं के आर्थिक मॉडल को 'मोदीनॉमिक्स' और 'आबेनॉमिक्स' नाम दिया जा चुका है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे

मोदी समेत 3 को टि्वटर पर फॉलो करते थे आबे 
आबे उन चुनिंदा ग्लोबल लीडर्स में से एक थे, जिन्होंने 2014 में विशालकाय जीत के लिए मोदी को बधाई उस वक्त दे दी, जब वोटों की गिनती भी पूरी नहीं हुई थी. एक वक्त था, जब शिंजो आबे मोदी समेत सिर्फ 3 लोगों को टि्वटर पर फॉलो करते थे. अब ये संख्या बढ़कर 23 हो गई है. इन लिस्ट में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हैं. कहा जाता है कि मोदी पीएम बनने से पहले जब गुजरात के सीएम थे, तब से ही शिंजो आबे की नीतियों के मुरीद थे. दोनों ही नेता एक दूसरे का काफी सम्मान करते हैं. आबे भी मोदी को आउस्टैंडिंग लीडर बता चुके हैं. 

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मोदी को बताया था Most Dependable Friend
2014 में जब मोदी जापान गए तो शिंजो आबे प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी को क्योटो में रिसीव करने पहुंचे. पूरी दुनिया जापान के किसी विदेशी नेता का ऐसा सत्कार किए जाने से हैरान थी. 2018 में भी जब मोदी एक दो दिवसीय समिट में शामिल होने के लिए जापान गए तो आबे ने अपने हॉलिडे होम पर मोदी की आगवानी की. भारत और जापान के मजबूत रिश्तों की तारीफ करते हुए आबे ने कहा था, 'मैं पूरी जिंदगी भारत का दोस्त रहूंगा.' आबे ने मोदी को most dependable friend (सबसे भरोसेमंद दोस्त) भी करार दिया था.

आबे ने जब 2020 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सत्ता छोड़ी तो पीएम मोदी ने भी अपने आबे को My Dear Friend संबोधित करते हुए भावुक विदाई दी थी. उन्होंने आबे की सेहत पर दुख जताया और दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का क्रेडिट भी दिया था. 

मोदी ने भी की शानदार मेजबानी 
आबे जब 2015 में भारत आए तो वह मोदी के साथ वाराणसी जाकर गंगा आरती में शामिल हुए थे. एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए दोनों प्रधानमंत्रियों की तस्वीरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. वहीं, 2017 में जब आबे अहमदाबाद आए तो पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी शानदार मेजबानी की. भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए नींव रखी जानी थी और आबे अपनी पत्नी के साथ आए थे. आबे और उनकी पत्नी अहमदाबाद में एक खुली जीप पर सवार होकर रोडशो में भी शामिल हुए.  

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गंगा आरती में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो- narendramodi.in)

जब आबे ने जब नेहरू को किया याद 
शिंजो आबे जापान के बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके दादा नोबुसुके किशी पहले जापानी पीएम थे, जिन्होंने भारत का दौरा किया. एक भारतीय अखबार में आबे ने 1957 के उस दौर को याद करते हुए लिखा था, 'एक वक्त था, जब जापान बहुत समृद्ध नहीं था, ऐसे वक्त में पीएम नेहरू ने हजारों लोगों के सामने पीएम किशी को जापानी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश किया और बताया कि वह किशी का कितना सम्मान करते हैं.'

रोड-शो में पीएम मोदी और शिंजो आबे (फाइल फोटो)

आबे का भारत से पुराना रिश्ता 
शिंजो आबे सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा करने वाले जापानी पीएम थे. 2007 में पहले कार्यकाल के दौरान आबे जब भारत आए तो उन्होंने संसद को संबोधित किया था. संसद में दिया उनका भाषण 'कन्फ्लुएंस ऑफ टू सीज़' बाद में बेहद मशहूर हुआ. इसके बाद, उन्होंने 2014, 2015 और 2017 में भी भारत का दौरा किया. वह पहले जापानी पीएम थे, जो 2014 में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे. मनमोहन की यूपीए सरकार हो या मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार, दोनों से ही आबे के शानदार रिश्ते रहे.

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