महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में 8 मई को जो नहीं हो पाया था, वो पिछले शनिवार हुआ. भारी मान मनौवल के बाद नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने पिछले महीने अपना इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. ये साफ़ करते हुए कि वो जल्द ही पार्टी की ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाएंगे और बागडोर किसी ओर के हाथों में सौंप दी जाएगी. पार्टी के 25वें वर्षगांठ के मौके पर, यानी 10 जून को आख़िरकार NCP के उत्तराधिकारी की धोषणा कर दी गई. दो कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल. अजीत पवार, जिनकी दावेदारी इस रेस में सबसे मजबूत मानी जा रही थी, नज़रअंदाज़ किए गए.
sशरद पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पेटल संसद में रहते हुए जनता के मुद्दे उठाएंगे और अजित पवार राज्य की राजनीति पर ध्यान देंगे. ये बात भी निकल कर आ रही है कि शनिवार को हुई मीटिंग से अजित पवार बिना कुछ बोले, बैठक बीच में छोड़कर चले गए, हालांकि बाद में ट्वीट कर उन्होंने शरद पवार के फ़ैसले का स्वागत किया और पार्टी के लिए और मेहनत करने की बात कही. शरद पवार के इस फ़ैसले के राजनीतिक पहलू क्या हैं और क्या जल्द ही अजित बगवात की एक और कोशिश कर सकते हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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साल 2014 से भारत का ICC ट्रॉफ़ी जीतने का सपना, फिर एक बार अधूरा रह गया. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल मैच में चौथी दिन जगी आस, पांचवें दिन हकीकत के धरातल पर ढेर हो गई. इंग्लैंड के दी ओवल ग्राउंड पर मैच के आखिरी दिन भारत को जीतने के लिए 280 रन और ऑस्ट्रेलिया को 7 विकटों की दरकार थी. कंगारुओं ने जीत की शर्त पूरी की और भारतीय टीम को 209 रनों से हराया. ट्रेविस हेड को पहली पारी में 163 और दूसरी में 18 रनों की पारी खेलने के लिए मैन ऑफ़ दी मैच चुना गया.
भारत की ओर से फ़ाइनल में टीम में वापसी किए अजिंक्या रहाणे का प्रदर्शन सम्मानजनक रहा, बाकी पूरी टीम ने फ़ैन्स की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. WTC के फ़ाइलन में भारत की ये लगातार दूसरी हार है. क्या भारतीय टीम पहले दिन के खेल के बाद से ही दबाव में चली गई थी, और मैच को पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया ने कंट्रोल किया और वो तीन कौनसी ग़लतियां हुईं भारत की ओर से जिससे ये हार मिली? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें बदलती लाइफ स्टाइल के साथ पिछले कुछ सालों में बढ़ी हैं. आंकड़े इसी बात की तस्दीक करते हैं. इसमें और इजाफा किया कोविड ने जब पोस्ट कोविड दिक्कतों में डिप्रेशन और एंजायटी जैसी समस्याएं आईं. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में टेली-मानस हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की थी. कॉल करने पर एक ट्रेंड काउंसलर आपसे बात करता है. और आपके इश्यूज का कमोबेश सॉल्यूशन देने की कोशिश करता है या यूं कहें मदद करता है. आंकड़े कहते हैं कि सिर्फ 8 महीनों के अंदर इस हेल्पलाइन पर डेढ़ लाख कॉल्स आए. सबसे ज्यादा कॉल करने वाले लोग 18 से 45 की उम्र के है. 14,000 लोगों ने उदासी, 13,000 ने स्लीप डिस्टर्बेंस और 10,000 ने स्ट्रेस से जुड़ी समस्याएं रिपोर्ट की. सवाल ये है कि आठ महीनों में मेंटल हेल्थ से जुड़े इस हेल्प इनिशिएटिव का इतनी बड़ी संख्या में इस्तेमाल को किस तरीके से देखा जाए. मेंटल हेल्थ के केसों में इज़ाफ़ा माना जाए या सरकार की इस स्कीम की सफलता कही जाए? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
ख़ुशबू कुमार / कुंदन कुमार