कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 'ऑपरेशन कमल' मामले में झटका लगा है. इस मामले में हाई कोर्ट ने जांच को मंजूरी दे दी है. इस मामले को लेकर जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के नेता नगन गौड़ा के बेटे शरण गौड़ा ने FIR दर्ज कराई थी. कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका को रद्द कर दी है.
बीजेपी नेता नेता और मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर आरोप है कि कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को 2019 में गिराने के लिए उन्होंने ही साजिश रची थी. एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर एक विधायक के बेटे को इसके लिए राजी करने की कोशिश करते हुए बीएस येदियुरप्पा की आवाज सुनाई दे रही कि वह अपने पिता से इस्तीफा दिलवाएं और फिर पार्टी भी बदल लें.
हाई कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, अवैध और असंवैधानिक रूप से बने येदियुरप्पा सरकार को अब जाना चाहिए या CM येदियुरप्पा और भाजपा सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए! क्या पीएम मोदी सीएम को हटाने के लिए नैतिक बल दिखाएंगे.
बता दें कि कांग्रेस और जेडीएस का दावा था कि 2019 में कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिराने के लिए बीजेपी ने साजिश रची थी. कांग्रेस ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी.
असल में, 2018 में विधानसभा चुनावों के बाद त्रिशंकु विधानसभा होने पर कांग्रेस-जेडीएस ने गठबंधन में सरकार गठन करने के लिए हाथ मिलाया था. 2019 में कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए, और इसकी वजह से राज्य में सीएम येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी.
वहीं कांग्रेस-जेडीएस का आरोप था कि बीजेपी ने 'ऑपरेशन कमला' के जरिये गठबंधन सरकार को गिराने में भूमिका निभाई. हालांकि येदियुरप्पा ने इन आरोपों का खंडन किया और इसका दोष विपक्ष पर मढ़ा.
नागार्जुन