विलुप्त होने के कगार पर है ये समुद्री जीव, तमिलनाडु सरकार ने उठाया बचाने का बीड़ा

समुुद्री गाय (Sea Cow) के सरंक्षण के लिए तमिलनाडु तट पर पहली बार रिजर्व की स्थापना की जाएगी. तमिलनाडु विधानसभा में फॉरेस्ट बजट की घोषणा के तौर पर वन मंत्री के रामचंद्रन ने बताया कि मन्नार की खाड़ी और पाल्क खाड़ी क्षेत्र में एक समुद्री संरक्षण रिजर्व स्थापित किया जाएगा.

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तमिलनाडु तट पर समुद्री गाय (Sea Cow) संरक्षण रिजर्व की स्थापना की जाएगी. तमिलनाडु तट पर समुद्री गाय (Sea Cow) संरक्षण रिजर्व की स्थापना की जाएगी.

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 04 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
  • तमिलनाडु के वन मंत्री ने किया ऐलान
  • विलुप्त होने की कगार पर हैं समुद्री गाय

समुुद्री गाय (Sea Cow) के सरंक्षण के लिए तमिलनाडु तट पर पहली बार रिजर्व की स्थापना की जाएगी. तमिलनाडु विधानसभा में फॉरेस्ट बजट की घोषणा के तौर पर वन मंत्री के रामचंद्रन ने बताया कि मन्नार की खाड़ी और पाल्क खाड़ी क्षेत्र में एक समुद्री संरक्षण रिजर्व स्थापित किया जाएगा.

इस दौरान मंत्री ने घोषणा कि सी काऊ  (समुद्री गाय) एक लुप्तप्राय समुद्री स्तनपायी है. तमिलनाडु में यह मन्नार की खाड़ी में पाया जाता है जो तमिलनाडु के दक्षिण पूर्वी सिरे और श्रीलंका के पश्चिमी भाग और पाक खाड़ी के बीच एक उथला खाड़ी क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि रहने की जगह की कमी, समुद्री प्रदूषण और समुद्री घास के नुकसान के कारण समुद्री गायों को विलुप्त होने का खतरा झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन्हें बचाने के लिए सामुदायिक भागीदारी के साथ क्षेत्र में "डुगोंग समुद्री संरक्षण रिजर्व" स्थापित किया जाएगा.माना जाता है कि के अनुमानित 200  डुगोंग उस क्षेत्र में रहते हैं. तमिलनाडु सरकार के हालिया फैसले से इन्हें काफी लाभ होगा.

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मरीन कंजर्वेशन रिजर्व पाल्क की खाड़ी में पांच सौ किलोमीटर की एरिया कवर करेगा. उन्होंने बताया कि डुगोंग, एक समुद्री स्तनपायी और सिरेनिया क्रम की एकमात्र जीवित प्रजाति है और समुद्री घास के कारण तटीय आवास तक ही सीमित है. समुद्री घास इसके आहार का प्रमुख हिस्सा है. डुगोंग के पास डॉल्फिन की तरह पूंछ होती है. 

 

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